हल्द्वानी: प्रदेश के 44 सरकारी डिग्री कॉलेजों में स्वरोजगार परक शिक्षा उपलब्ध होने जा रही है. इसके तहत छात्र अब ईकोटूरिज्म, वेब डिजाइनिंग, योग प्रशिक्षण डिजास्टर मैनेजमेंट, साइकोथेरेपी, फूड प्रोसेसिंग, कम्यूनिकेशन एंड पर्सनैलिटी डेवलपमेंट सहित कई स्वरोजगार परक डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं. स्वरोजगार परक शिक्षा के लिए शासन ने इसकी मंजूरी दे दी है. कोर्स के लिए एडमिशन जून-जुलाई से शुरू किए जाएंगे.
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. कुमकुम रौतेला ने बताया कि सभी कॉलेजों को आदेश जारी कर स्वरोजगार पर कोर्स शुरू करने की मंजूरी दे दी गई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 105 राजकीय डिग्री कॉलेज संचालित हो रहे हैं. इनमें कुमाऊं मंडल के 15 डिग्री कॉलेज और गढ़वाल मंडल के 29 कॉलेजों में रोजगार परक शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी. छात्र रोजगार परक डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कर सकेंगे.
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उन्होंने बताया कि मंजूर किए गए सभी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स, सेल्फ फाइनेंस मोड के तहत संचालित होंगे, जिसके तहत 6 माह के कोर्स के लिए 3,000 रुपए, जबकि 1 साल के कोर्स के लिए 8,000 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है. उन्होंने बताया कि छात्रों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए शासन के निर्देश के बाद इस तरह के पाठ्यक्रम का संचालन किया जा रहा है, जिससे कि छात्र स्वरोजगार परक शिक्षा ग्रहण कर रोजगार अपना सकें.