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कोरोना संकट के बीच सफाई कर्मचारी 2 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

प्रदेशभर में करीब सात हजार सफाई कर्मचारी हैं. जिन्होंने दो मई से हड़ताल जाने की चेतावनी दी है. इतनी बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारियों से हड़ताल पर जाने से सफाई व्यवस्थता पूरी तरह चौपट हो जाएगी.

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Published : Apr 29, 2021, 10:27 PM IST

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

हल्द्वानी: कोरोना संकट के बीच प्रदेश सरकार और प्रशासन की मुश्किलें बढ़ने वाली है. क्योंकि आगामी दो मई से 11 सूत्रिय मांगों को लेकर प्रदेशभर के सफाई कर्मचारी दो मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर चुके है. सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से प्रदेश के सभी निकायों में साफ-सफाई की व्यवस्था चौपट हो जाएगी.

उत्तराखंड देवभूमि सफाई कर्मचारी संघ ने गुरुवार को हल्द्वानी में प्रेसवार्ता की. इस दौरान उत्तराखंड देव भूमि संघ के प्रदेश अध्यक्ष राहत मसीह ने कहा कि कोरोना के कारण उन्होंने मुख्यमंत्री आवास घेराव के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है. सफाई कर्मचारी पिछले कई सालों से सरकार के सामने अपनी मांग रखते आ रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान ही नहीं दे रही है. ऐसे में उन्होंने अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के निर्णय लिया है.

पढ़ें- श्रीनगर गढ़वाल में 30 अप्रैल से 3 मई तक कोरोना कर्फ्यू

राहत मसीह ने बताया कि 1 मई को प्रदेश के सभी सफाई कर्मचारी पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री को चेतावनी देंगे. इसके बाद यदि सरकार को कोई कदम नहीं उठाया तो 2 मई को पूरे प्रदेश के सफाई कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

उन्होंने कहा कि 2 मई से प्रदेश के सभी स्थानीय निकाय सहित विभिन्न विभागों में काम करने वाले सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. उनकी मांग है कि उत्तराखंड में सफाई कर्मचारियों की ठेका प्रथा को खत्म किया जाए. उत्तराखंड में पिछले कई सालों से सफाई कर्मचारियों ठेके पर काम कर रहे है. लेकिन आजतक उन्हें नियमित नहीं किया गया. साथ ही उत्तराखंड में रहने वाले सफाई कर्मचारियों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में शिथिलता बरती जाए. प्रदेश के करीब 7000 सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.

हल्द्वानी: कोरोना संकट के बीच प्रदेश सरकार और प्रशासन की मुश्किलें बढ़ने वाली है. क्योंकि आगामी दो मई से 11 सूत्रिय मांगों को लेकर प्रदेशभर के सफाई कर्मचारी दो मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर चुके है. सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से प्रदेश के सभी निकायों में साफ-सफाई की व्यवस्था चौपट हो जाएगी.

उत्तराखंड देवभूमि सफाई कर्मचारी संघ ने गुरुवार को हल्द्वानी में प्रेसवार्ता की. इस दौरान उत्तराखंड देव भूमि संघ के प्रदेश अध्यक्ष राहत मसीह ने कहा कि कोरोना के कारण उन्होंने मुख्यमंत्री आवास घेराव के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है. सफाई कर्मचारी पिछले कई सालों से सरकार के सामने अपनी मांग रखते आ रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान ही नहीं दे रही है. ऐसे में उन्होंने अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के निर्णय लिया है.

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राहत मसीह ने बताया कि 1 मई को प्रदेश के सभी सफाई कर्मचारी पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री को चेतावनी देंगे. इसके बाद यदि सरकार को कोई कदम नहीं उठाया तो 2 मई को पूरे प्रदेश के सफाई कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

उन्होंने कहा कि 2 मई से प्रदेश के सभी स्थानीय निकाय सहित विभिन्न विभागों में काम करने वाले सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. उनकी मांग है कि उत्तराखंड में सफाई कर्मचारियों की ठेका प्रथा को खत्म किया जाए. उत्तराखंड में पिछले कई सालों से सफाई कर्मचारियों ठेके पर काम कर रहे है. लेकिन आजतक उन्हें नियमित नहीं किया गया. साथ ही उत्तराखंड में रहने वाले सफाई कर्मचारियों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में शिथिलता बरती जाए. प्रदेश के करीब 7000 सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.

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