हल्द्वानी: उत्तराखंड में 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो गई है. ऐसे में क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक यानी आरएफसी ने सरकार के लिए धान खरीदने वाले निजी मिलर्स और आढ़तियों के सत्यापन की कार्रवाई की. जहां कई राइस मिल और कच्चा आढ़ती आरएफसी के मानकों पर खरे नहीं उतरे. इन सभी के खिलाफ पूर्व में धान खरीद में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी.
ऐसे में आरएफसी ने 160 चावल मिलर्स और 169 धान खरीद कच्चा आढ़तियों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए उनको इस बार सरकारी धान खरीद के लिए कोड जारी नहीं किया है. आरएफसी कुमाऊं बीएस जलाल ने बताया कि इस बार धान खरीद के लिए मिलर और आढ़तियों का सत्यापन किया गया, जहां बहुत से राइस मिलर और आढ़ती आरएफसी के मानकों पर खरा नहीं उतरे. जिसके बाद उनको बाहर का रास्ता दिखाया गया है.
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उन्होंने बताया कि पिछले साल जहां 467 धान मिलर धान की खरीद और कुटाई में लगे हुए थे, वहीं इस बार सत्यापन में 307 मिलर ही मानकों पर खरे उतरे हैं. जबकि पिछले साल 471 कच्चा आढ़ती धान की सरकारी खरीद कर रहे थे. जहां इस बार 302 कच्चा आढ़ती आरएफसी के मानकों से धान की खरीद कर पाएंगे, जो भी आरएफसी के मानकों पर खरे उतरे हैं. उनको धान खरीदने के लिए कोड जारी कर दिए गए हैं. कमेटी गठित कर इनका सत्यापन किया गया था.
उन्होंने बताया कि 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो गई है. 6 दिनों के भीतर 3600 कुंटल धान की खरीद हो गई है. धान खरीद में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. उन्होंने बताया कि इस बार पूरे प्रदेश में 9.50 लाख मैट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है, जहां मिलर्स धान की कुटाई करेंगे और जहां 1 कुंटल धान पर 67 किलो चावल आरएफपी को उपलब्ध कराएंगे.