नैनीताल: हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोरोना जांच फर्जीवाड़ा मामले में नलवा पैथोलॉजी लैब को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. नैनीताल हाईकोर्ट की एकल पीठ ने नलवा पैथोलॉजी लैब प्रबंधक की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए फर्जीवाड़े की जां में सहयोग करने के आदेश दिये हैं.
बता दें कि कोविड फर्जी रिपोर्ट बनाने का मामले में हरिद्वार के CMO द्वारा मैक्स कॉर्पोरेट, चंदानी लैब, नलवा पैथोलॉजी लैब के खिलाख हरिद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था. इस मामले में कोतवाली पुलिस ने तीनों लैब के खिलाफ IPC की धारा 420, 468, 471, 188, 120B, 269, 270 और आपदा अधिनियम एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था.
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CMO द्वारा दायर FIR को मैक्स कॉर्पोरेट, चंदानी लैब और नलवा पैथोलॉजी लैब ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी और FIR को रद्द कर गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी. जिसपर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट नलवा पैथोलॉजी लैब के प्रबंधक की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
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बता दें कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की एकल पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को, अरनेश कुमार बनाम बिहार सरकार को आधार मानते हुए, नलवा पैथोलॉजी लैब के प्रबंधक की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है और प्रबंधक को जांच में सहयोग करने के आदेश दिये हैं.