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कंडी मार्ग को लेकर सांसद अनिल बलूनी का बयान, बीजेपी ही करेगी निर्माण - कंडी मार्ग

कंडी मार्ग बनने से रामनगर-कोटद्वार की दूरी कम हो जाएगी. वर्तमान में वाया उत्तरप्रदेश होकर गुजरने से कोटद्वार की दूरी 162 किलोमीटर है, जबकि इस मार्ग के बन जाने से यह दूरी महज 88 किमी होगी.

कंडी मार्ग
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Published : Jun 29, 2021, 10:25 PM IST

रामनगर: राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी (Rajya Sabha MP Anil Baluni) ने विश्वास दिलाया है कि कंडी मार्ग (kandi marg) का निर्माण बीजेपी ही करेगी. इसके लिए योजना के तहत काम किया जा रहा है. आधी सड़क बनाई जा चुकी है. बाकी भी जल्द बना दी जाएगी. तीनों सरकारें मिलकर जल्द ही कंडी मार्ग का निर्माण करेगी.

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी (Anil Baluni) नैनीताल जिले के रामनगर में बीजेपी के चिंतन शिविर (BJP Chintan Shivir) में हिस्ला लेने पहुंचे थे. तभी उनसे कंडी मार्ग के निर्माण को लेकर सवाल किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा कंडी मार्ग निर्माण के लिए गंभीर है. भाजपा ही इसे बनवाएगी. इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से काम हो रहा है. कुमाऊं के लोग यूपी होते हुए देहरादून और हरिद्वार जाते हैं. कंडी मार्ग बनने के बाद लोग अपने राज्य की सड़क से होते हुए राजधानी दून पहुंचेंगे.

कंडी मार्ग को लेकर सांसद अनिल बलूनी का बयान

पढ़ें- उत्तराखंड के नेशनल पार्क दूर करेंगे व्यापारियों का घाटा, पूरे साल खुले रहेंगे

उन्होंने कहा कि इसके अलावा कई और समस्याएं इस मार्ग को लेकर आती रहती है, लेकिन अब रास्ता धीरे-धीरे साफ हो रहा है. वे खुद कंडी मार्ग के प्रयास कर रहे है. भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तराखंड सरकार अगर तीनों मिलकर कंडी मार्ग के लिए प्रयास करेंगे तो जरूर यह पूर्ण हो सकता है.

उन्होंने कहा कि आप विश्वास रखिए तीनों सरकारें मिलकर कड़ी मार्ग को बनाने के लिए पूरा प्रयास करेंगे. उन्हें पूरी विश्वास है कि जल्द ही कड़ी मार्ग बनकर तैयार हो जाएगा. इसके बाद उत्तराखंड का अपना मार्ग होगा, उत्तराखंड का अपना हाईवे होगा. उत्तराखंड के अंदर से ही देहरादून से जो हमारी कुमाऊं की दूरी है, वह काफी कम हो जाएगी.

क्या है कंडी मार्ग का इतिहास

असल में टनकपुर ब्रह्मदेव मंडी से कोटद्वार तक जाने वाला मार्ग लगभग दो सौ साल पुराना है. ब्रिटिश सरकार इसे सब माउंटेन सड़क के नाम से पुकारती थी. उत्तर प्रदेश के समय पहाड़ और मैदान की सीमा रेखा को इसी से तय किया जाता था. यानी उस समय सड़क के उत्तरी भाग में काम करने वाले सरकारी मुलाजिमों को यूपी सरकार हिल एनाउंस दिया करती थी.

पढ़ें- तीरथ रावत ने संसद में उठाया कंडी मार्ग का मुद्दा, बताई उत्तराखंड के लोगों की परेशानी

कंडी मार्ग बनने से ये होंगे लाभ

कंडी मार्ग बनने से रामनगर-कोटद्वार की दूरी कम हो जाएगी. वर्तमान में वाया उत्तरप्रदेश होकर गुजरने से कोटद्वार की दूरी 162 किलोमीटर है, जबकि इस मार्ग के बन जाने से यह दूरी महज 88 किमी होगी. इसके अलावा कोटद्वार, हरिद्वार का रामनगर और हल्द्वानी के बीच व्‍यापार के साथ पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ेंगी. राजधानी आने जाने में भी कम समय लगेगा. इस मार्ग के बनने से राज्य की दोनों कमिश्नरी आपस से जुड़ेंगे और लोगों को सुगम आवाजाही का लाभ मिलेगा.

रामनगर: राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी (Rajya Sabha MP Anil Baluni) ने विश्वास दिलाया है कि कंडी मार्ग (kandi marg) का निर्माण बीजेपी ही करेगी. इसके लिए योजना के तहत काम किया जा रहा है. आधी सड़क बनाई जा चुकी है. बाकी भी जल्द बना दी जाएगी. तीनों सरकारें मिलकर जल्द ही कंडी मार्ग का निर्माण करेगी.

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी (Anil Baluni) नैनीताल जिले के रामनगर में बीजेपी के चिंतन शिविर (BJP Chintan Shivir) में हिस्ला लेने पहुंचे थे. तभी उनसे कंडी मार्ग के निर्माण को लेकर सवाल किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा कंडी मार्ग निर्माण के लिए गंभीर है. भाजपा ही इसे बनवाएगी. इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से काम हो रहा है. कुमाऊं के लोग यूपी होते हुए देहरादून और हरिद्वार जाते हैं. कंडी मार्ग बनने के बाद लोग अपने राज्य की सड़क से होते हुए राजधानी दून पहुंचेंगे.

कंडी मार्ग को लेकर सांसद अनिल बलूनी का बयान

पढ़ें- उत्तराखंड के नेशनल पार्क दूर करेंगे व्यापारियों का घाटा, पूरे साल खुले रहेंगे

उन्होंने कहा कि इसके अलावा कई और समस्याएं इस मार्ग को लेकर आती रहती है, लेकिन अब रास्ता धीरे-धीरे साफ हो रहा है. वे खुद कंडी मार्ग के प्रयास कर रहे है. भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तराखंड सरकार अगर तीनों मिलकर कंडी मार्ग के लिए प्रयास करेंगे तो जरूर यह पूर्ण हो सकता है.

उन्होंने कहा कि आप विश्वास रखिए तीनों सरकारें मिलकर कड़ी मार्ग को बनाने के लिए पूरा प्रयास करेंगे. उन्हें पूरी विश्वास है कि जल्द ही कड़ी मार्ग बनकर तैयार हो जाएगा. इसके बाद उत्तराखंड का अपना मार्ग होगा, उत्तराखंड का अपना हाईवे होगा. उत्तराखंड के अंदर से ही देहरादून से जो हमारी कुमाऊं की दूरी है, वह काफी कम हो जाएगी.

क्या है कंडी मार्ग का इतिहास

असल में टनकपुर ब्रह्मदेव मंडी से कोटद्वार तक जाने वाला मार्ग लगभग दो सौ साल पुराना है. ब्रिटिश सरकार इसे सब माउंटेन सड़क के नाम से पुकारती थी. उत्तर प्रदेश के समय पहाड़ और मैदान की सीमा रेखा को इसी से तय किया जाता था. यानी उस समय सड़क के उत्तरी भाग में काम करने वाले सरकारी मुलाजिमों को यूपी सरकार हिल एनाउंस दिया करती थी.

पढ़ें- तीरथ रावत ने संसद में उठाया कंडी मार्ग का मुद्दा, बताई उत्तराखंड के लोगों की परेशानी

कंडी मार्ग बनने से ये होंगे लाभ

कंडी मार्ग बनने से रामनगर-कोटद्वार की दूरी कम हो जाएगी. वर्तमान में वाया उत्तरप्रदेश होकर गुजरने से कोटद्वार की दूरी 162 किलोमीटर है, जबकि इस मार्ग के बन जाने से यह दूरी महज 88 किमी होगी. इसके अलावा कोटद्वार, हरिद्वार का रामनगर और हल्द्वानी के बीच व्‍यापार के साथ पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ेंगी. राजधानी आने जाने में भी कम समय लगेगा. इस मार्ग के बनने से राज्य की दोनों कमिश्नरी आपस से जुड़ेंगे और लोगों को सुगम आवाजाही का लाभ मिलेगा.

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