हल्द्वानी: कोविड-19 के चलते उत्तराखंड सरकार ने गरीबों को सस्ती दाल पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना की शुरूआत की. जिसके तहत राशन कार्ड धारकों को सस्ते दामों में उड़द, अरहर, चना और मसूर की दालें उपलब्ध कराए जाने की योजना चल रही है. लेकिन दाल के दाम अधिक होने और दाल की क्वालिटी ठीक नहीं होने के चलते राशन कार्ड धारक दाल को नहीं खरीद रहे हैं. जिसके चलते खाद्य विभाग के अलग-अलग खाद्यान्न भंडारण में करीब 632 मीट्रिक टन दाल डंप पड़ी है.
मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना अंतर्गत शुरूआती दिनों में दाल के दाम ₹40 से लेकर ₹50 प्रति किलो की रखी गई थी. लेकिन वर्तमान समय में दाल के बढ़ते कीमत के बाद सरकार ने दाल पोषित योजनाओं के दाल के दामों में वृद्धि कर दी. बताया जा रहा है कि राशन की दुकानों पर उड़द की दाल ₹71 किलो, मसूर की दाल ₹62 किलो जबकि चना दाल ₹55 किलो के आसपास बिक रही है. यहां तक की शुरूआती दिनों में अरहर की दाल ₹62 किलो कीमत थी जो अब कंट्रोल की दुकानों में नहीं मिल पा रही है.
बताया जा रहा है कि अलग-अलग खाद्य विभाग के भंडारण डिपो में उड़द की 366 मीट्रिक टन, मसूर की 202 मीट्रिक टन, अरहर की 44 मीट्रिक टन, जबकि साबूत चना 21 मीट्रिक टन डंप पड़ा है. बताया जा रहा है कि दाल के दाम अधिक होने और उसकी क्वालिटी ठीक नहीं होने के चलते राशन कार्ड धारक दाल को नहीं ले रहे हैं. इसको लेकर कई बार राशन डीलर और ग्राहक के बीच विवाद भी सामने आ चके हैं. विभाग द्वारा राशन डीलरों को अनिवार्य रूप से ग्राहकों को दाल देने के निर्देश दिए गए हैं.
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क्षेत्रीय उपायुक्त खाद्य विभाग राहुल शर्मा ने बताया कि दाल का उठान नहीं होने के चलते राशन डीलरों के साथ विभाग को भी दिक्कत हो रही है. इसको लेकर शासन से पत्राचार किया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि शासन से दाल को लेकर कोई नई नीति आएगी जिसके बाद राशन कार्ड धारकों तक सस्ता दाल उपलब्ध हो सकेगा.