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गाय के गोबर से बनाए जा रहे उत्पाद, गौसेवा के साथ-साथ युवाओं को मिल रहा रोजगार - हरे कृष्णा हरे रामा आश्रम

नैनीताल जिले के हल्दूचौड़ गांव में  स्वामी रामेश्वर दास द्वारा एक दशक पहले इस आश्रम की स्थापना की. यहां सड़क दुर्घटना में घायल और गोकशी, आवारा भटकते गौ वंश को लाकर संरक्षण दिया जाता है. आश्रम में करीब 16 सौ से अधिक अपाहिज और बेसहारा गौवंशों को जीवनदान दिया जा रहा है.

haldwani
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Published : Mar 18, 2019, 12:02 PM IST

Updated : Mar 18, 2019, 12:48 PM IST

हल्द्वानी: गाय कागोबर अच्छी-खासी कमाई का जरिया बनता जा रहा है. जिससे युवाओं और स्थानीय लोगों को घर पर ही रोजगार मिल रहा है. शहर से 15 किलोमीटर दूर हरे कृष्णा, हरे रामा आश्रम में गौसेवा के माध्यम से युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है. इस गौ रक्षा केंद्र में करीब 16 सौ से अधिक गौ वंश को संरक्षण देते हुए उनके गोबर से गत्ता, गमला, धूप ,अगरबत्ती, सहित कई उत्पाद बनाये जा रहे हैं.

गौशाला में मिल रहा युवाओं को रोजगार

नैनीताल जिले के हल्दूचौड़ गांव में स्वामी रामेश्वर दास द्वारा एक दशक पहले इस आश्रम की स्थापना की. यहां सड़क दुर्घटना में घायल और गोकशी, आवारा भटकते गौ वंश को लाकर संरक्षण दिया जाता है. आश्रम में करीब 16 सौ से अधिक अपाहिज और बेसहारा गौवंशों को जीवनदान दिया जा रहा है. आश्रम में यह कार्य कुछ संस्थाओं और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है.

आश्रम के महाराज रामेश्वर दास का कहना है कि हिंदू धर्म में माना गया है कि गाय में सभी देवी देवताओं का वास होता है. उन्होंने कहा कि गाय के गोबर में औषधि होती हैं. जिससे की प्रकार की दवा और अन्य सामग्री बनाई जाती हैं.स्थानीय लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से गाय के गोबर से गत्ता, गमले ,धूप अगरबत्ती सहित कई उत्पादन तैयार किये जा रहे हैं. जिसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है.

हल्द्वानी: गाय कागोबर अच्छी-खासी कमाई का जरिया बनता जा रहा है. जिससे युवाओं और स्थानीय लोगों को घर पर ही रोजगार मिल रहा है. शहर से 15 किलोमीटर दूर हरे कृष्णा, हरे रामा आश्रम में गौसेवा के माध्यम से युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है. इस गौ रक्षा केंद्र में करीब 16 सौ से अधिक गौ वंश को संरक्षण देते हुए उनके गोबर से गत्ता, गमला, धूप ,अगरबत्ती, सहित कई उत्पाद बनाये जा रहे हैं.

गौशाला में मिल रहा युवाओं को रोजगार

नैनीताल जिले के हल्दूचौड़ गांव में स्वामी रामेश्वर दास द्वारा एक दशक पहले इस आश्रम की स्थापना की. यहां सड़क दुर्घटना में घायल और गोकशी, आवारा भटकते गौ वंश को लाकर संरक्षण दिया जाता है. आश्रम में करीब 16 सौ से अधिक अपाहिज और बेसहारा गौवंशों को जीवनदान दिया जा रहा है. आश्रम में यह कार्य कुछ संस्थाओं और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है.

आश्रम के महाराज रामेश्वर दास का कहना है कि हिंदू धर्म में माना गया है कि गाय में सभी देवी देवताओं का वास होता है. उन्होंने कहा कि गाय के गोबर में औषधि होती हैं. जिससे की प्रकार की दवा और अन्य सामग्री बनाई जाती हैं.स्थानीय लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से गाय के गोबर से गत्ता, गमले ,धूप अगरबत्ती सहित कई उत्पादन तैयार किये जा रहे हैं. जिसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है.

Intro: स्लग-गौशाला की पहल गौ सेवा के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार।
रिपोर्टर- भावनाथ पंडित/हल्द्वानी
एंकर- ऐसे तो मानव सेवा हर मनुष्य करता है लेकिन पशु प्रेम में में समाये लोग अपनी जीवन में पशु प्रेम को समर्पित कैसे करते हैं हल्द्वानी के हल्दूचौड़ स्थिति हरे रामा हरे कृष्णा गौ रक्षा केंद्र में देखने को मिलता है जहां लावारिस1600 से अधिक गौ संरक्षण की सेवा की जाती है ।और उनके गोबर से बनने वाले उत्पाद के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार भी दिया जा रहा है।
एक रिपोर्ट......


Body:आज के भागदौड़ जिंदगी में लोगों के पास अपनों को समय देने के लिए समय नहीं है लेकिन हल्द्वानी से 15 किलोमीटर दूर हरे कृष्णा हरे रामा आश्रम में कृष्ण भक्ति में लीन स्वामी रामेश्वर दास अपने जीवन को पशु प्रेमी समर्पित करते हुए गौ रक्षा केंद्र में करीब 16 सौ से अधिक गौ वंश को संरक्षण देते हुए उनके गोबरा से गत्ता, गमला, धूप ,अगरबत्ती, सहित कई उत्पाद उत्पादन कर रहे हैं और साथी स्थानीय लोगों को रोजगार से भी जुड़ रहे हैं।
नैनीताल जिले के हल्दुचौर गांव के परमा में कृष्ण भक्ति में लीन स्वामी रामेश्वर दास जी महाराज एक दशक पहले हरे कृष्णा हरे रामा आश्रम की स्थापना की जहां पर आश्रम में भगवान कृष्ण के आशीर्वाद लेकर गौशाला का मुख्य उद्देश्य बनाया 4 बैलो से शुरुआत वाले आश्रम धीरे-धीरे गौ सेवा करता गया। भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन इस आश्रम में भगवान गोपाल के आशीर्वाद से लोग जुड़ते गए और गौ सेवा भारती गई आज यहां सड़क दुर्घटना में घायल एवं गोकशी और आवारा भटकते गौ वंश को लाकर यहां संरक्षण किया जाता है।
आश्रम का उद्देश्य सिर्फ सेवा भाव है जहां बैल को भगवान शिव के नंदी और गौ माता को श्री कृष्ण समझकर सेवा की जाती है।
करीब 16 सौ से अधिक अपंग अपाहिज एवं बेसहारा जानवरों को लाकर यहां ने जीवनदान दिया जा रहा है। इस आश्रम में निस्वार्थ भाव से देख रेख के लिए कुछ संस्थाएं और स्थानीय ग्रामीण मदद करते हैं।



Conclusion:आश्रम के महाराज रामेश्वर दास महाराज का कहना है कि हिंदू धर्म में गाय मैं सभी देवी देवता विराजमान होते हैं गौ सेवा करना और पुन्य का माना जाता है उनका उद्देश्य गौ संरक्षण करना है जिससे कि धर्म की रक्षा होती रहे। उन्होंने कहना है कि गाय के गोबर मैं औषधि होती है जिससे कि किसी भी प्रकार के दवा और अन्य सामग्री उत्पाद हो सकते हैं जिसके देखते हुए उन्होंने स्थानीय लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से गत्ता, गमले ,धूप अगरबत्ती सहित कई उत्पादन तैयार कर रहे हैं जिससे कि आश्रम की आय में वृद्धि हो और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सके।

बाइट- रामेश्वर दास महाराज संचालक हरे कृष्णा हरे रामा गौ सेवा आश्रम
Last Updated : Mar 18, 2019, 12:48 PM IST
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