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नैनीताल: 24 घंटे खुले रहेंगे सरकारी अस्पताल, डॉक्टरों की छुट्टी रद्द - निजी अस्पतालों की हड़ताल

जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि अस्पतालों को 24 घंटे खुला रखा जाएगा. साथ ही सभी डॉक्टरों की छुट्टी भी कैंसिल कर दी गई है.

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Published : Feb 22, 2019, 3:30 PM IST

हल्द्वानी: निजी अस्पतालों के हड़ताल पर चले जाने से जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमर्रा गई है. मरीजों के लिए अब सरकारी अस्पताल ही जीवनदायिनी बना हुआ है. ऐसे में जहां एक तरफ अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. वहीं दूसरी ओर सरकारी डॉक्टरों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं.

अपर जिला स्वास्थ्य अधिकारी मनमोहन तिवारी का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों के हड़ताल पर चले जाने के बाद से स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से अलर्ट है. जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि अस्पतालों को 24 घंटे खुला रखा जाए औरसाथ ही सभी डॉक्टरों की छुट्टी भी कैंसिल कर दी गई है.

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उन्होंने बताया कि नैनीताल जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को सीईए एक्ट के तहत पंजीकृत कर दिया गया है. वहीं प्राइवेट अस्पतालों द्वारा सीईए एक्ट के तहत अस्पतालों को पंजीकृत नहीं कराए जाने पर जिले के लगभग 200 से अधिक निजी अस्पतालों को नोटिस दिया गया है.

उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में लगातार मरीजों की सख्या बढ़ रही है. जिसको देखते हुए सरकारी डॉक्टर पूरी तरह से मुस्तैद हैं. किसी भी मरीज को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि मरीजों की सबसे ज्यादा संख्या सुशीला तिवारी और बेस अस्पताल में है.

बता दें कि 15 फरवरी से प्रदेश के सभी प्राइवेट अस्पताल सीईए एक्ट के विरोध में हड़ताल पर हैं. जिसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है. बता दें कि हड़ताल की जनहित सुनवाई पर हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लेते हुए सरकारी अस्पतालों को दिशा और दशा सुधारने के निर्देश दिये हैं. साथ ही सभी जगह डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए 1 हफ्ते का समय भी दिया है. जिसके बाद जिला स्वास्थ्य महकमा तैयारियों में जुट गया है.

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हल्द्वानी: निजी अस्पतालों के हड़ताल पर चले जाने से जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमर्रा गई है. मरीजों के लिए अब सरकारी अस्पताल ही जीवनदायिनी बना हुआ है. ऐसे में जहां एक तरफ अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. वहीं दूसरी ओर सरकारी डॉक्टरों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं.

अपर जिला स्वास्थ्य अधिकारी मनमोहन तिवारी का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों के हड़ताल पर चले जाने के बाद से स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से अलर्ट है. जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि अस्पतालों को 24 घंटे खुला रखा जाए औरसाथ ही सभी डॉक्टरों की छुट्टी भी कैंसिल कर दी गई है.

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उन्होंने बताया कि नैनीताल जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को सीईए एक्ट के तहत पंजीकृत कर दिया गया है. वहीं प्राइवेट अस्पतालों द्वारा सीईए एक्ट के तहत अस्पतालों को पंजीकृत नहीं कराए जाने पर जिले के लगभग 200 से अधिक निजी अस्पतालों को नोटिस दिया गया है.

उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में लगातार मरीजों की सख्या बढ़ रही है. जिसको देखते हुए सरकारी डॉक्टर पूरी तरह से मुस्तैद हैं. किसी भी मरीज को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि मरीजों की सबसे ज्यादा संख्या सुशीला तिवारी और बेस अस्पताल में है.

बता दें कि 15 फरवरी से प्रदेश के सभी प्राइवेट अस्पताल सीईए एक्ट के विरोध में हड़ताल पर हैं. जिसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है. बता दें कि हड़ताल की जनहित सुनवाई पर हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लेते हुए सरकारी अस्पतालों को दिशा और दशा सुधारने के निर्देश दिये हैं. साथ ही सभी जगह डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए 1 हफ्ते का समय भी दिया है. जिसके बाद जिला स्वास्थ्य महकमा तैयारियों में जुट गया है.

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Intro:स्लग-प्राइवेट अस्पताल हड़ताल सरकारी अस्पताल प्रशासन अलर्ट
रिपोर्टर-भावनाथ पंडित
एंकर- निजी अस्पतालों के हड़ताल पर चले जाने से जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। मरीजों के लिए अब सरकारी अस्पताल ही जीवनदायिनी बना हुआ है। ऐसे में मरीजों को अब इलाज सरकारी अस्पताल एकमात्र सहारा बना हुआ है। सरकारी अस्पतालों में लगातार भीड़ बढ़ने की वजह से स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से मुस्तैद हो गया है।


Body:अपर जिला स्वास्थ्य अधिकारी मनमोहन तिवारी का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों के हड़ताल के बाद से स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से अलर्ट है ।जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि अस्पतालों को 24 घंटे खुला रखे हैं साथी सभी डॉक्टर की छुट्टी भी कैंसिल की गई है। उन्होंने बताया कि नैनीताल जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को सीईए एक्ट के तहत पंजीकृत कर दिया गया है। यही नहीं प्राइवेट अस्पतालों द्वारा सीईए ए एक्ट के तहत अस्पतालों पंजीकरण नहीं कराए जाने पर जिले के लगभग 200 से अधिक अस्पतालों को नोटिस दिया गया है। सरकारी अस्पतालों में लगातार मरीजों भीड़ बढ़ा रही है ऐसे में डॉक्टर पूरी तरह से मुस्तैद हैं ।किसी भी मरीजों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि मरीजों की लोड सबसे ज्यादा सुशीला तिवारी और बेस अस्पताल पर है ऐसे में वहां डॉक्टर लगातार अपना काम कर रहे हैं।


Conclusion:गौरतलब है कि 15 फरवरी से प्रदेश के सभी प्राइवेट अस्पताल सी ई ए एक्ट के विरोध में हड़ताल में है ।ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी गंभीर बीमारी के मरीजों को उठाना पड़ रहा है। अस्पतालों में लगातार बढ़ रही भीड़ के चलते अस्पताल प्रशासन भी हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं। निजी अस्पताल हड़ताल की जनहित सुनवाई पर हाईकोर्ट ने भी संज्ञा लिया है जिसके बाद हाईकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों की दिशा और दशा सुधारने और अस्पताल में डॉक्टरों की नियुक्ति की सरकार को 1 हफ्ते का समय दिया है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जिला स्वास्थ्य महकमा अपनी तैयारी में जुट गया है।

बाइट -मनमोहन तिवारी डिप्टी सीएमओ
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