नैनीताल: यूं तो देवभूमि के कण-कण में देवी-देवताओं का वास माना जाता है. जहां देशी ही नहीं विदेशी भी शीष नवाने आते हैं. साथ ही श्रद्धालुओं को देवभूमि में प्रकृति और आस्था से रूबरू होने का मौका मिलता है. जहां वे सब कुछ भूल कर भक्ति साधना में डूबे रहते हैं. ऐसा ही एक बाबा का धाम देश-विदेश में अपनी खास पहचान रखता है. जिसके भक्तों में फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग, एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स से लेकर पीएम मोदी तक हैं.
कैंची धाम में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी को मेला लगने वाला है. जिसके लिए प्रशासन ने तैयरियां शुरू कर दी हैं. वहीं मंदिर में साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. नैनीताल जिले के कैंची क्षेत्र में स्थित इस धाम की महिमा लोगों को यहां खींच लाती है. जो बाबा नीम करौली महाराज की तपोस्थली रही है. जहां कई चमत्कार होने का भी लोग दावा करते हैं.
विदेशों से भी पहुंचते हैं भक्त
हर साल 15 जून को कैंची मंदिर के स्थापना दिवस पर मेले का आयोजन किया जाता है. जिसमें करीब 1 से 2 लाख श्रद्धालु बाबा के दर्शन को मंदिर में आते हैं. जिसमें सबसे ज्यादा विदेशी भक्त कनाडा, यूएस, जर्मनी, फ्रांस समेत अनेक देशों से यहां पहुंचते हैं.
बाबा को माना जाता है हनुमान का अवतार
बाबा नीम करोली महाराज को हनुमान जी का अवतार माना जाता है. मंदिर के बारे में कहा जाता है कि स्थानीय निवासी धर्मानंद तिवारी नैनीताल से घर लौट रहे थे तभी उन्हें रास्ते में काफी देर हो गई. धर्मानंद तिवारी को रास्ते में डर सताने लगा. तभी बाबा ने अचानक दर्शन देकर उनसे कहा कि बेटा तुम घबराओ नहीं तुम्हें गाड़ी मिल जाएगी. कुछ देर बाद धर्मानंद को गाड़ी मिल गई. जिसके बाद धर्मानंद ने बाबा से पूछा आप कौन हैं और अब कब दर्शन देंगे. तब बाबा ने उन्हें 20 साल बाद दर्शन देने की बात कहकर वहां से ओझल हो गए.
जिसके ठीक 20 साल बाद बाबा ने उन्हें दर्शन दिए थे और कैंची में ही मंदिर बनाकर रहने की इच्छा जाहिर की थी. जिसके बाद 15 जून को ही बाबा के मंदिर का निर्माण कराया था. इसलिए 15 जून को बाबा नीम करौली धाम में हर साल मेला लगता है. बताया जाता है कि बाबा के भक्तों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का नाम भी शामिल है. ओबामा के चुनाव से पहले अमेरिका से एक दल मंदिर आया था और उन्होंने ओबामा की जीत के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया था.