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वन्यजीवों के लिए जंगलों में बनाए जा रहे तालाब, गर्मी से मिलेगी राहत

वन्य जीवों को जंगल के अंदर प्यास बुझाने के लिए वन विभाग की ओर से तालाब बनाकर उनमें पानी भरा जा रहा है. फतेहपुर रेंज में 19 वाटर होल्स बनाये गये हैं.

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Published : Apr 13, 2021, 11:06 AM IST

हल्द्वानी: वन्य जीवों को जंगल के अंदर प्यास बुझाने के लिए वन विभाग की ओर से तालाब बनानकर उनमें पानी भरा जा रहा है. फतेहपुर रेंज में 19 वाटर होल्स बनाये गये हैं. इनमें कुछ जगहों पर पानी प्राकृतिक जल स्रोतों से डाला जाएगा. विभाग द्वारा पानी के टैंकर से पानी भरने का काम किया जा रहा है. जिससे जानवर उसमें पानी पीने के साथ अब स्नान भी कर सकेंगे.

जंगली जानवरों के लिए गर्मी का इंतजाम
वनों क अत्यधिक दोहन होने और बदलते मौसम चक्र के कारण प्राकृतिक जल स्रोत गर्मी में सूख जाते हैं. इनमें से अधिकांश जल स्रोत धीरे-धीरे समाप्त हो गए हैं. इसके चलते पानी की तलाश में वन्य जीव जंगल से निकलकर गांवों की तरफ आ जाते हैं. पिछले कुछ समय से तराई पूर्वी, तराई पश्चिमी व आसपास के जंगल से सटे क्षेत्र में जंगली जानवरों ने लोगों को काफी नुकसान पहुंचाया है. ग्रामीणों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए विभागीय अधिकारियों ने इससे निपटने के लिए गहन मंथन किया. तय किया गया है कि वनों में जगह-जगह हौद व तालाबों को बनाया जाएगा. इसमें वन कर्मचारी रोजाना टैंकर और टैंकों के माध्यम से पानी भरेंगे. जिससे जानवर अपनी प्यास बुझा सकेंगे. रामनगर वन प्रभाग के फतेहपुर वन रेंज में 19 वाटर होल्स बनाये गये हैं, जहां कैमरा ट्रैप के जरिये जानवरों की मॉनिटरिंग भी की जा रही है.

पढ़ें: मसूरी में जबरखेत नेचर रिसर्च पार्क इलाके के जंगल में लगी आग

वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त जीवन चंद्र जोशी के मुताबिक मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए इस तरह की पहल की गई है. क्योंकि गर्मी के दिन में जंगलों के अधिकतर तालाब और स्रोत सूख जाते हैं. इस कारण वन्यजीव जंगलों से आबादी वाले क्षेत्रों की ओर रुख करने लगते हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिमी वृत्त के सभी वन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने रेंज के जंगलों में इस तरह की व्यवस्था करें जिससे कि वन्य जीव गर्मी में प्यासे न रहें.

हल्द्वानी: वन्य जीवों को जंगल के अंदर प्यास बुझाने के लिए वन विभाग की ओर से तालाब बनानकर उनमें पानी भरा जा रहा है. फतेहपुर रेंज में 19 वाटर होल्स बनाये गये हैं. इनमें कुछ जगहों पर पानी प्राकृतिक जल स्रोतों से डाला जाएगा. विभाग द्वारा पानी के टैंकर से पानी भरने का काम किया जा रहा है. जिससे जानवर उसमें पानी पीने के साथ अब स्नान भी कर सकेंगे.

जंगली जानवरों के लिए गर्मी का इंतजाम
वनों क अत्यधिक दोहन होने और बदलते मौसम चक्र के कारण प्राकृतिक जल स्रोत गर्मी में सूख जाते हैं. इनमें से अधिकांश जल स्रोत धीरे-धीरे समाप्त हो गए हैं. इसके चलते पानी की तलाश में वन्य जीव जंगल से निकलकर गांवों की तरफ आ जाते हैं. पिछले कुछ समय से तराई पूर्वी, तराई पश्चिमी व आसपास के जंगल से सटे क्षेत्र में जंगली जानवरों ने लोगों को काफी नुकसान पहुंचाया है. ग्रामीणों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए विभागीय अधिकारियों ने इससे निपटने के लिए गहन मंथन किया. तय किया गया है कि वनों में जगह-जगह हौद व तालाबों को बनाया जाएगा. इसमें वन कर्मचारी रोजाना टैंकर और टैंकों के माध्यम से पानी भरेंगे. जिससे जानवर अपनी प्यास बुझा सकेंगे. रामनगर वन प्रभाग के फतेहपुर वन रेंज में 19 वाटर होल्स बनाये गये हैं, जहां कैमरा ट्रैप के जरिये जानवरों की मॉनिटरिंग भी की जा रही है.

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वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त जीवन चंद्र जोशी के मुताबिक मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए इस तरह की पहल की गई है. क्योंकि गर्मी के दिन में जंगलों के अधिकतर तालाब और स्रोत सूख जाते हैं. इस कारण वन्यजीव जंगलों से आबादी वाले क्षेत्रों की ओर रुख करने लगते हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिमी वृत्त के सभी वन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने रेंज के जंगलों में इस तरह की व्यवस्था करें जिससे कि वन्य जीव गर्मी में प्यासे न रहें.

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