नैनीताल: दीक्षा मिश्रा हत्याकांड में नया एंगल सामने आया है. पुलिस इस मामले की जांच अब लव जिहाद कनेक्शन एंगल से कर रही है. वहीं मंगलवार को पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस ने दीक्षा मिश्रा का शव परिजनों को सौंप दिया है.
परिजनों ने बताया सच: वहीं, नैनीताल पहुंचे दीक्षा मिश्रा के परिजनों ने हत्या का आरोप ऋषभ उर्फ इमरान पर लगाया है. इस मामले में पुलिस लव जिहाद के एंगल से इसलिए जांच कर रही है, क्योंकि इमरान दीक्षा से ऋषभ तिवारी बन कर मिला था.
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दो साल से थी दोनों में दोस्ती: दीक्षा मिश्रा की मां बीना मिश्रा ने बताया कि इमरान दो साल पहले उनकी बेटी से ऋषभ तिवारी बनकर मिला था. ऋषभ ने अपनी असलियत छुपाई थी. किसी को भी नहीं पता था कि ऋषभ तिवारी का असली नाम इमरान है. मां बीना मिश्रा ने बताया कि यदि उन्हें पता होता कि ऋषभ तिवारी का असली नाम इमरान है तो वो अपनी बेटी को कभी भी उसके साथ नहीं रहने देती.
2012 में हो गया था दीक्षा का तलाक: मां ने बताया कि दीक्षा मिश्रा की शादी साल 2008 में गाजियाबाद निवासी पवन शर्मा के साथ हुई थी. पवन शर्मा की शराब का आदी था और कुछ काम भी नहीं करता था. इन्हीं हरकतों से तंग आकर दीक्षा मिश्रा साल 2012 में पवन शर्मा से अलग हो गई थी. कुछ समय पहले ही दोनों का तलाक हुआ है. दीक्षा मिश्रा दस साल की बेटी भी है. इमरान, ऋषभ तिवारी बनकर दीक्षा मिश्रा के साथ फ्लैट में रहता था.
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इमरान को ब्राह्मण समझता था परिवार: अपने बेटी की याद करते हुए पोस्टमॉर्टम हाउस के सामने मां का रो-रोकर बुरा हाल था. बेटी को याद करते हुए मां तीन बार बेहोश भी हो गई थी. दीक्षा मिश्रा के माता-पिता मूल रूप से इटावा के रहने वाले हैं. भाई अंकुर मिश्रा ने बताया कि वे हमेशा इमरान को ब्राह्मण समझते थे, क्योंकि उसने हमेशा अपना नाम ऋषभ तिवारी ही बताया था. अगर पता होता कि लड़का किसी और धर्म है तो वे दीक्षा को उससे मिलने से मना कर देते.
फेसबुक आईडी भी ऋषभ तिवारी के नाम से: दीक्षा मिश्रा की दोस्त सीमा एवं कशिश ने बताया कि दीक्षा बहुत मजबूत थी. उसे कोई आसानी से नहीं मार सकता. इमरान ने फेसबुक पर भी ऋषभ तिवारी के नाम से आईडी बना रखी थी.
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हत्या के बाद सीधा दीक्षा के घर पहुंचा इमरान: जानकारी के मुताबिक दीक्षा मिश्रा की हत्या करने के बाद ऋषभ उर्फ इमरान रात में तीन बजे के आसपास होटल से फरार हो गया था और सुबह नौ बजे वह नैनीताल से नोएडा के फ्लैट में पहुंच गया था. फ्लैट में पहुंचने के बाद उसने अपने सभी दस्तावेज एवं सामान लिया और वहां से भी फरार हो गया.
बेटी से खुलवाया मोबाइल का लॉक: इमरान अपने साथ दीक्षा का मोबाइल भी लेकर गया था, लेकिन उसे उसका पासवर्ड नहीं पता था. इसीलिए उसने दीक्षा मिश्रा की बेटी को बोला की मम्मी का मोबाइल घर छूट गया है. इमरान में दीक्षा मिश्रा की बेटी मोबाइल का लॉक खुलवाया और वहां से चल गया.
क्या है मामला: दरअसल, नोएडा निवासी दीक्षा मिश्रा अपने तीन दोस्त ऋषभ (इमरान), अलमास उलहक और श्वेता शर्मा के साथ नैनीताल घूमने आई थी. 13 अगस्त को चारों रामनगर के एक रिसॉर्ट में ठहरे थे. 14 अगस्त को वो नैनीताल आ गए. नैनीताल आकर उन्होंने एक होटल में दो कमरे ले लिए. 15 अगस्त को चारों दिनभर नैनीताल घूमे और रात के समय दीक्षा के जन्मदिन के मौके पर चारों ने पार्टी की.
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बर्थडे पार्टी खत्म होने के बाद दीक्षा और ऋषभ एक कमरे में और श्वेता-अलमास दूसरे कमरे में सोने चले गए. 16 अगस्त यानी सोमवार सुबह श्वेता जब दीक्षा को देखने उसके कमरे में पहुंची तो उसने दीक्षा को बेसुध पड़े देखा. श्वेता ने इसकी सूचना होटल स्टॉफ को दी. इस बीच होटल कर्मियों ने भी दीक्षा को उठाना चाहा, लेकिन तब तक वो दम तोड़ चुकी थी. सूचना के बाद मल्लीताल कोतवाल अशोक कुमार सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और होटल के कमरे को सील कर दिया.