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PM मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट कॉर्बेट रेस्क्यू सेंटर तैयार, अक्टूबर में उद्घाटन, ये है खासियत - Prime Minister Narendra Modi

वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व व वन विभाग के कई डिवीजनों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला जोन में बन रहे रेस्क्यू सेंटर का निरीक्षण किया. ये रेस्क्यू सेंटर पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसके साथ ही ये उत्तराखंड का सबसे बड़ा रेस्क्यू सेंटर है.

Ramnagar Corbett Tiger Reserve
Ramnagar Corbett Tiger Reserve
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Published : Aug 12, 2021, 10:40 AM IST

Updated : Aug 12, 2021, 1:07 PM IST

रामनगर: प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला जोन में बन रहे रेस्क्यू सेंटर का निरीक्षण किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अक्टूबर माह में इस रेस्क्यू सेंटर का शुभारंभ कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू सेंटर का वर्चुअल उद्घाटन पीएम मोदी मोदी या सीएम धामी करेंगे. उसकी तैयारी की जा रही है.

बता दें, इस रेस्क्यू सेंटर के पास ही एक टाइगर सफारी का प्रोजेक्ट भी केंद्रीय वन मंत्रालय को भेजा जा चुका है. परमिशन मिलने के बाद यहां पर भी एक टाइगर सफारी बनाई जाएगी, जिससे स्थानीय लोगों को काफी बड़ा रोजगार भी मिल सकेगा.

राजीव भरतरी ने किया रेस्क्यू सेंटर का निरीक्षण.

पढ़ें- World Elephant Day: कॉर्बेट में बढ़ा हाथियों का कुनबा, 'जंगल के भगवान' के लिए कम पड़ रही जगह

गौरतबल है कि 14 फरवरी 2019 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉर्बेट पार्क आए थे, तब उन्होंने रेस्क्यू सेंटर बनाने की घोषणा की थी. रेस्क्यू सेंटर बनने से जहां पर्यटकों को बाघ के दर्शन आसानी से हो सकेंगे वहीं इस रेस्क्यू सेंटर में घायल वन्यजीवों का इलाज भी किया जाएगा.

इस रेस्क्यू सेंटर में हाईटेक वेटरनरी हॉस्पिटल के साथ ही घायल बाघों के उपचार के लिए 10 और गुलदार के उपचार के लिए 20 बाड़े बनाए गए हैं. पोस्टमार्टम हाउस भी बनाया गया है. जिम कॉर्बेट के रेस्क्यू सेंटर में हाईटेक सुविधाएं होने से पार्क के साथ ही प्रदेशभर के घायल वन्यजीवों का यहां उपचार होगा.

प्रधानमंत्री ने की थी घोषणा: दरअसल, फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉर्बेट पार्क के भ्रमण पर आए थे. तब उन्होंने पार्क की व्यवस्थाओं की तारीफ करते हुए यहां उत्तराखंड का सबसे बड़ा वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर बनाने की घोषणा की थी.

बाघों के लिए तीस हेक्टेयर में बने दस बाड़े: रेस्क्यू सेंटर का निर्माण पूरा होने से वेटरनरी हास्पिटल में उपकरण लाने की तैयारियां हैं. डॉक्टरों की टीम चुनी जा रही है. 30 हेक्टेयर रेस्क्यू सेंटर में बाघों के उपचार के लिए 10 बाड़े, गुलदार के 20 बाड़े हैं. अन्य वन्यजीवों के लिए भी व्यवस्था की गई है. प्रदेश में अब तक रानीबाग, चिड़ियापुर में ही वन्यजीवों का उपचार होता था.

उत्तराखंड का पहला वन्यजीव पोस्टमॉर्टम हाउस: कॉर्बेट पार्क में रेस्क्यू सेंटर बनने से बाघ, गुलदार, हाथियों और वन्यजीवों का पोस्टमॉर्टम खुले आसमान के नीचे नहीं होगा. पोस्टमॉर्टम हाउस काफी बड़ा बनाया है.

रामनगर: प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला जोन में बन रहे रेस्क्यू सेंटर का निरीक्षण किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अक्टूबर माह में इस रेस्क्यू सेंटर का शुभारंभ कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू सेंटर का वर्चुअल उद्घाटन पीएम मोदी मोदी या सीएम धामी करेंगे. उसकी तैयारी की जा रही है.

बता दें, इस रेस्क्यू सेंटर के पास ही एक टाइगर सफारी का प्रोजेक्ट भी केंद्रीय वन मंत्रालय को भेजा जा चुका है. परमिशन मिलने के बाद यहां पर भी एक टाइगर सफारी बनाई जाएगी, जिससे स्थानीय लोगों को काफी बड़ा रोजगार भी मिल सकेगा.

राजीव भरतरी ने किया रेस्क्यू सेंटर का निरीक्षण.

पढ़ें- World Elephant Day: कॉर्बेट में बढ़ा हाथियों का कुनबा, 'जंगल के भगवान' के लिए कम पड़ रही जगह

गौरतबल है कि 14 फरवरी 2019 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉर्बेट पार्क आए थे, तब उन्होंने रेस्क्यू सेंटर बनाने की घोषणा की थी. रेस्क्यू सेंटर बनने से जहां पर्यटकों को बाघ के दर्शन आसानी से हो सकेंगे वहीं इस रेस्क्यू सेंटर में घायल वन्यजीवों का इलाज भी किया जाएगा.

इस रेस्क्यू सेंटर में हाईटेक वेटरनरी हॉस्पिटल के साथ ही घायल बाघों के उपचार के लिए 10 और गुलदार के उपचार के लिए 20 बाड़े बनाए गए हैं. पोस्टमार्टम हाउस भी बनाया गया है. जिम कॉर्बेट के रेस्क्यू सेंटर में हाईटेक सुविधाएं होने से पार्क के साथ ही प्रदेशभर के घायल वन्यजीवों का यहां उपचार होगा.

प्रधानमंत्री ने की थी घोषणा: दरअसल, फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉर्बेट पार्क के भ्रमण पर आए थे. तब उन्होंने पार्क की व्यवस्थाओं की तारीफ करते हुए यहां उत्तराखंड का सबसे बड़ा वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर बनाने की घोषणा की थी.

बाघों के लिए तीस हेक्टेयर में बने दस बाड़े: रेस्क्यू सेंटर का निर्माण पूरा होने से वेटरनरी हास्पिटल में उपकरण लाने की तैयारियां हैं. डॉक्टरों की टीम चुनी जा रही है. 30 हेक्टेयर रेस्क्यू सेंटर में बाघों के उपचार के लिए 10 बाड़े, गुलदार के 20 बाड़े हैं. अन्य वन्यजीवों के लिए भी व्यवस्था की गई है. प्रदेश में अब तक रानीबाग, चिड़ियापुर में ही वन्यजीवों का उपचार होता था.

उत्तराखंड का पहला वन्यजीव पोस्टमॉर्टम हाउस: कॉर्बेट पार्क में रेस्क्यू सेंटर बनने से बाघ, गुलदार, हाथियों और वन्यजीवों का पोस्टमॉर्टम खुले आसमान के नीचे नहीं होगा. पोस्टमॉर्टम हाउस काफी बड़ा बनाया है.

Last Updated : Aug 12, 2021, 1:07 PM IST
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