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सुशीला तिवारी पीजी कॉलेज में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म

सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में पीजी डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है.

डॉक्टरों की हड़ताल खत्म
डॉक्टरों की हड़ताल खत्म
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Published : Dec 10, 2020, 6:07 PM IST

हल्द्वानी: पिछले दस दिनों से सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज के पीजी डॉक्टरों की जारी हड़ताल गुरुवार को खत्म हो गई है. फिलहाल, पीजी डॉक्टरों की मुख्य मांग पूरा वेतन तो नहीं मिला. लेकिन स्टाइपेंड का लाभ देने और जॉब कंटिन्यू रखने की मांग पर आश्वासन मिलने के हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया है. शासन ने उनकी मुख्य मांग पूर्ण वेतन की मांग को नकार दिया है.

राजकीय मेडिकल कॉलेज के पीजी डॉक्टरों ने बीते 30 नवंबर से प्राचार्य के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर भूख हड़ताल की थी. धरने पर डटे 55 पीजी डॉक्टरों की मांग थी कि उन्हें पूरे काम के बदले पूरा वेतन दिया जाए. लेकिन उनकी मुख्य मांग को शासन ने कोविड-19 मद्देनजर नकार दिया और भविष्य में इस पर वार्ता करने की बात कही है.

कुछ दिनों पहले देहरादून में हुई वार्ता में भी स्वास्थ्य सचिव ने पूर्ण वेतन की मांग मानने से इनकार कर दिया था. शासन और डॉक्टर के बीच कई दौर की वार्ता हुई. जिसके बाद गुरुवार को छात्रों ने अपना हड़ताल वापस ले लिया है.

ये भी पढ़ें: IAS बनाम मंत्री विवाद: विभाग को मिला अस्थायी निदेशक, डॉ. सतीश सिंह संभालेंगे जिम्मेदारी

डाक्टरों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने जनवरी माह में उनको पूर्ण वेतन देने की बात कही थी. लेकिन उनको पूर्ण वेतन न देकर आधी वेतन दी जा रही है. जिसको लेकर डॉक्टर 30 नवंबर से हड़ताल पर थे. हड़ताल में शामिल डॉक्टरों को उनकी स्टाइपेंड देने और जॉब कंटिन्यू रखे जाने की मांग पर सहमति बनी है. डॉक्टरों का कहा कि वेतन की मुख्य मांग को लेकर जल्द ही एक ड्रॉफ्ट तैयार कर डॉक्टरों का दल सीएम से मुलाकात पर अपनी समस्याओं से अवगत कराएगा.

हल्द्वानी: पिछले दस दिनों से सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज के पीजी डॉक्टरों की जारी हड़ताल गुरुवार को खत्म हो गई है. फिलहाल, पीजी डॉक्टरों की मुख्य मांग पूरा वेतन तो नहीं मिला. लेकिन स्टाइपेंड का लाभ देने और जॉब कंटिन्यू रखने की मांग पर आश्वासन मिलने के हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया है. शासन ने उनकी मुख्य मांग पूर्ण वेतन की मांग को नकार दिया है.

राजकीय मेडिकल कॉलेज के पीजी डॉक्टरों ने बीते 30 नवंबर से प्राचार्य के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर भूख हड़ताल की थी. धरने पर डटे 55 पीजी डॉक्टरों की मांग थी कि उन्हें पूरे काम के बदले पूरा वेतन दिया जाए. लेकिन उनकी मुख्य मांग को शासन ने कोविड-19 मद्देनजर नकार दिया और भविष्य में इस पर वार्ता करने की बात कही है.

कुछ दिनों पहले देहरादून में हुई वार्ता में भी स्वास्थ्य सचिव ने पूर्ण वेतन की मांग मानने से इनकार कर दिया था. शासन और डॉक्टर के बीच कई दौर की वार्ता हुई. जिसके बाद गुरुवार को छात्रों ने अपना हड़ताल वापस ले लिया है.

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डाक्टरों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने जनवरी माह में उनको पूर्ण वेतन देने की बात कही थी. लेकिन उनको पूर्ण वेतन न देकर आधी वेतन दी जा रही है. जिसको लेकर डॉक्टर 30 नवंबर से हड़ताल पर थे. हड़ताल में शामिल डॉक्टरों को उनकी स्टाइपेंड देने और जॉब कंटिन्यू रखे जाने की मांग पर सहमति बनी है. डॉक्टरों का कहा कि वेतन की मुख्य मांग को लेकर जल्द ही एक ड्रॉफ्ट तैयार कर डॉक्टरों का दल सीएम से मुलाकात पर अपनी समस्याओं से अवगत कराएगा.

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