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बदहाल स्वास्थ्य सेवा से चढ़ा पारा लोगों का पारा, प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को भेजी पाती - Haldwani Lalkuaan and Bindukhatta

Haldwani Health Department हल्द्वानी में लालकुआं व बिंदुखत्ता के लोग बदहाल स्वास्थ्य सेवा से परेशान हैं. लोगों का कहना है कि हॉस्पिटल में डॉक्टर ना होने के चलते उन्हें इलाज के लिए हल्द्वानी का रुख करना पड़ता है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से जल्द व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग की है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 13, 2023, 12:26 PM IST

बदहाल स्वास्थ्य सेवा से चढ़ा पारा लोगों का पारा

हल्द्वानी: प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है. अस्पतालों में डॉक्टर तो हैं, लेकिन व्यवस्थाएं नहीं हैं. कई जगहों पर दवाइयां हैं, लेकिन वहां पर डॉक्टर नहीं हैं. यही नहीं कई अस्पतालों में उपकरण चलाने के लिए टेक्नीशियन नहीं है. लालकुआं व बिंदुखत्ता क्षेत्र की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को ठीक किए जाने की मांग को लेकर सुराज सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय लोगों के साथ लालकुआं तहसील कार्यालय पहुंच प्रदर्शन किया. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भेज अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करने की मांग की.

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द क्षेत्र की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ठीक नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. सुराज सेवादल के जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह अधिकारी के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने तहसील में प्रदर्शन करते हुए कहा कि करीब 1 लाख से अधिक आबादी वाले क्षेत्र में बिंदुखत्ता और लालकुआं में एक-एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. लेकिन वहां पर व्यवस्थाएं ठीक नहीं हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अस्पताल में स्थायी डॉक्टर नहीं होने के चलते यहां से लोगों को इलाज के लिए 20 किलोमीटर दूर हल्द्वानी जाना पड़ता है. स्वास्थ्य केंद्र में दोपहर बाद ताला लटक जाता है.
पढ़ें-अस्पताल भवन बनकर तैयार, लोग बोले- आखिर कब होगी डॉक्टरों की तैनाती?

यहां तक की अस्पताल में एक्स-रे मशीन होने के बाद भी मरीज का एक्सरे नहीं हो रहा है. पूर्व में एक्स-रे हो रहे थे. लेकिन अब उसको भी बंद कर दिया गया है. आयुर्वेदिक डॉक्टर के सहारे अस्पताल का संचालन हो रहा है. इस समय मौसमी बीमारी का सीजन चल रहा है.डेंगू और मलेरिया ने पैर फैला रखा है, लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही के कारण लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. दोपहर बाद लोग इलाज के लिए अस्पताल तो जाते हैं, लेकिन अस्पताल में ताला लटके होने के चलते इलाज नहीं मिल पाता है.
पढ़ें-यहां 108 आपातकालीन सेवा वाहन बने सांपों का अड्डा, जानिए क्या कह रहे जिम्मेदार

लोगों का आरोप है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लालकुआं में डॉक्टर का आवासीय परिसर भी है. लेकिन रात के समय में लोगों को इमरजेंसी इलाज के लिए बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. रात्रि को इमरजेंसी के समय कोई भी डॉक्टर मरीजों को देखने कमरे से बाहर तक नहीं आता है. डॉक्टरों की लापरवाही के चलते कई बार मरीजों की जान चली जाती है. क्योंकि मरीज को हल्द्वानी और बरेली ले जाने में काफी समय लगता है और रास्ते में मरीज दम तोड़ देता है.

बदहाल स्वास्थ्य सेवा से चढ़ा पारा लोगों का पारा

हल्द्वानी: प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है. अस्पतालों में डॉक्टर तो हैं, लेकिन व्यवस्थाएं नहीं हैं. कई जगहों पर दवाइयां हैं, लेकिन वहां पर डॉक्टर नहीं हैं. यही नहीं कई अस्पतालों में उपकरण चलाने के लिए टेक्नीशियन नहीं है. लालकुआं व बिंदुखत्ता क्षेत्र की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को ठीक किए जाने की मांग को लेकर सुराज सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय लोगों के साथ लालकुआं तहसील कार्यालय पहुंच प्रदर्शन किया. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भेज अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करने की मांग की.

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द क्षेत्र की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ठीक नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. सुराज सेवादल के जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह अधिकारी के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने तहसील में प्रदर्शन करते हुए कहा कि करीब 1 लाख से अधिक आबादी वाले क्षेत्र में बिंदुखत्ता और लालकुआं में एक-एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. लेकिन वहां पर व्यवस्थाएं ठीक नहीं हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अस्पताल में स्थायी डॉक्टर नहीं होने के चलते यहां से लोगों को इलाज के लिए 20 किलोमीटर दूर हल्द्वानी जाना पड़ता है. स्वास्थ्य केंद्र में दोपहर बाद ताला लटक जाता है.
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यहां तक की अस्पताल में एक्स-रे मशीन होने के बाद भी मरीज का एक्सरे नहीं हो रहा है. पूर्व में एक्स-रे हो रहे थे. लेकिन अब उसको भी बंद कर दिया गया है. आयुर्वेदिक डॉक्टर के सहारे अस्पताल का संचालन हो रहा है. इस समय मौसमी बीमारी का सीजन चल रहा है.डेंगू और मलेरिया ने पैर फैला रखा है, लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही के कारण लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. दोपहर बाद लोग इलाज के लिए अस्पताल तो जाते हैं, लेकिन अस्पताल में ताला लटके होने के चलते इलाज नहीं मिल पाता है.
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लोगों का आरोप है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लालकुआं में डॉक्टर का आवासीय परिसर भी है. लेकिन रात के समय में लोगों को इमरजेंसी इलाज के लिए बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. रात्रि को इमरजेंसी के समय कोई भी डॉक्टर मरीजों को देखने कमरे से बाहर तक नहीं आता है. डॉक्टरों की लापरवाही के चलते कई बार मरीजों की जान चली जाती है. क्योंकि मरीज को हल्द्वानी और बरेली ले जाने में काफी समय लगता है और रास्ते में मरीज दम तोड़ देता है.

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