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नैनीताल: सूखाताल में अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम बैरंग लौटी, सरिता आर्य ने प्रदर्शनकारियों का किया समर्थन

हाईकोर्ट के निर्देश पर नैनीताल विकास प्राधिकरण की टीम सूखाताल क्षेत्र में अतिक्रमण को ध्वस्त करने पहुंची. इस दौरान प्राधिकरण की टीम को क्षेत्रवासियों के विरोध का सामना करना पड़ा. प्राधिकरण की कार्रवाई के विरोध में सैकड़ों लोग सूखाताल की सड़कों पर धरने पर बैठ गए. इतना ही नहीं जिला विकास प्राधिकरण की टीम को मौके तक नहीं जाने दिया. जिसके बाद प्राधिकरण की टीम करीब 3 घंटे के बाद बैरंग वापस लौट गई.

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Published : Dec 15, 2022, 7:38 PM IST

Updated : Dec 15, 2022, 8:22 PM IST

सूखाताल में अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम बैरंग लौटी.

नैनीताल: हाईकोर्ट के निर्देश पर जिला विकास प्राधिकरण की टीम सूखाताल क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने पहुंची. इस दौरान टीम को क्षेत्रीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. दिनभर चले बवाल के बाद शाम को जिला विकास प्राधिकरण की टीम बिना कार्रवाई के वापस लौट गई. अब 30 दिसंबर से क्षेत्र में फिर प्राधिकरण अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करेगा.

नैनीताल विकास प्राधिकरण की कार्रवाई की सूचना मिलते ही सुबह से क्षेत्रीय लोग सुखाताल की सड़कों पर धरने बैठ गए और टीम को चिन्हित क्षेत्र तक नहीं जाने दिया. इस दौरान क्षेत्र वासियों और प्राधिकरण सचिव पंकज उपाध्याय सहित प्रशासन की टीम के बीच तीखी नोकझोंक हुई. अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का विरोध कर रहे क्षेत्रीय लोग सड़कों पर ही धरने पर बैठ गए. माहौल गर्म होता देख क्षेत्रीय विधायक सरिता आर्या भी मौके पर पहुंची. जिन्होंने प्राधिकरण के अधिकारियों से वार्ता की और प्राधिकरण ने कार्रवाई 15 दिन के लिए स्थगित कर दिया.

स्थानीयों ने कहा हम कड़ाके की ठंड में अपने घरों को छोड़कर नहीं जा सकते. लिहाजा उनको दो माह का समय दिया जाए. जिसके बाद विधायक ने प्राधिकरण सचिव से लोगों को आवास खाली करने के लिए समय देने की मांग की. वहीं, प्राधिकरण की टीम अतिक्रमणकारियों को 15 दिन का समय देते हुए बिना कार्रवाई किए बैरंग लौट गई. इस दौरान डीडीए सचिव पंकज उपाध्याय ने सभी अतिक्रमणकारियों को चेतावनी दी है कि जिन लोगों को नोटिस दिए गए हैं. वे 15 दिन के भीतर अपना अतिक्रमण हटा लें, अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें: बाघ के चलते उत्तराखंड के इस इलाके में लगी धारा-144, जानें कारण

स्थानीय लोगों के समर्थन में पहुंचीं विधायक सरिता आर्य ने कहा किसी भी व्यक्ति के घर को नहीं तोड़ा जाएगा. सरकार सूखाताल क्षेत्र के लोगों को राहत देने के लिए हाईकोर्ट में अपील करेगी. किसी भी गरीब व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होगा और मैं क्षेत्रीय लोगों के साथ निरंतर खड़ी हूं एवं उनकी मदद करूंगी. सूखाताल क्षेत्र में हुए पालिका की भूमि पर काबिज लोगों को मदद करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की है, जल्द ही क्षेत्रवासियों को जमीनों का मालिकाना हक दिया जाएगा.

वहीं, विरोध प्रदर्शन के दौरान पालिका कर्मचारी कमाल कटियार की जिला विकास प्राधिकरण के सचिव पंकज उपाध्याय के साथ तीखी बहस हो गई. इसके बाद क्षेत्रीय लोगों और पुलिस के अधिकारियों ने पालिका कर्मी को शांत करवा कर मौके से हटाया. जिसके बाद प्राधिकरण सचिव पंकज उपाध्याय ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी आलोक उनियाल को नगर पालिका कर्मचारी के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर रहकर धरना स्थल पर मौजूद रहकर सरकारी काम में बाधा डालने के मामले पर मुकदमा दर्ज करवाने के निर्देश दिए.

सूखाताल क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने को लेकर पुलिस सुबह से ही मुस्तैद दिखी. सीओ विभा दीक्षित ने कहा कानून व्यवस्था बनाने और स्थिति नियंत्रण करने को लेकर एक प्लाटून पीएसी, 4 सब इंस्पेक्टर, 7 एसआई, 10 महिला कॉन्स्टेबल, 10 पुरुष कांस्टेबल समेत होमगार्ड मौजूद रहे.

सूखाताल में अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम बैरंग लौटी.

नैनीताल: हाईकोर्ट के निर्देश पर जिला विकास प्राधिकरण की टीम सूखाताल क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने पहुंची. इस दौरान टीम को क्षेत्रीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. दिनभर चले बवाल के बाद शाम को जिला विकास प्राधिकरण की टीम बिना कार्रवाई के वापस लौट गई. अब 30 दिसंबर से क्षेत्र में फिर प्राधिकरण अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करेगा.

नैनीताल विकास प्राधिकरण की कार्रवाई की सूचना मिलते ही सुबह से क्षेत्रीय लोग सुखाताल की सड़कों पर धरने बैठ गए और टीम को चिन्हित क्षेत्र तक नहीं जाने दिया. इस दौरान क्षेत्र वासियों और प्राधिकरण सचिव पंकज उपाध्याय सहित प्रशासन की टीम के बीच तीखी नोकझोंक हुई. अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का विरोध कर रहे क्षेत्रीय लोग सड़कों पर ही धरने पर बैठ गए. माहौल गर्म होता देख क्षेत्रीय विधायक सरिता आर्या भी मौके पर पहुंची. जिन्होंने प्राधिकरण के अधिकारियों से वार्ता की और प्राधिकरण ने कार्रवाई 15 दिन के लिए स्थगित कर दिया.

स्थानीयों ने कहा हम कड़ाके की ठंड में अपने घरों को छोड़कर नहीं जा सकते. लिहाजा उनको दो माह का समय दिया जाए. जिसके बाद विधायक ने प्राधिकरण सचिव से लोगों को आवास खाली करने के लिए समय देने की मांग की. वहीं, प्राधिकरण की टीम अतिक्रमणकारियों को 15 दिन का समय देते हुए बिना कार्रवाई किए बैरंग लौट गई. इस दौरान डीडीए सचिव पंकज उपाध्याय ने सभी अतिक्रमणकारियों को चेतावनी दी है कि जिन लोगों को नोटिस दिए गए हैं. वे 15 दिन के भीतर अपना अतिक्रमण हटा लें, अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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स्थानीय लोगों के समर्थन में पहुंचीं विधायक सरिता आर्य ने कहा किसी भी व्यक्ति के घर को नहीं तोड़ा जाएगा. सरकार सूखाताल क्षेत्र के लोगों को राहत देने के लिए हाईकोर्ट में अपील करेगी. किसी भी गरीब व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होगा और मैं क्षेत्रीय लोगों के साथ निरंतर खड़ी हूं एवं उनकी मदद करूंगी. सूखाताल क्षेत्र में हुए पालिका की भूमि पर काबिज लोगों को मदद करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की है, जल्द ही क्षेत्रवासियों को जमीनों का मालिकाना हक दिया जाएगा.

वहीं, विरोध प्रदर्शन के दौरान पालिका कर्मचारी कमाल कटियार की जिला विकास प्राधिकरण के सचिव पंकज उपाध्याय के साथ तीखी बहस हो गई. इसके बाद क्षेत्रीय लोगों और पुलिस के अधिकारियों ने पालिका कर्मी को शांत करवा कर मौके से हटाया. जिसके बाद प्राधिकरण सचिव पंकज उपाध्याय ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी आलोक उनियाल को नगर पालिका कर्मचारी के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर रहकर धरना स्थल पर मौजूद रहकर सरकारी काम में बाधा डालने के मामले पर मुकदमा दर्ज करवाने के निर्देश दिए.

सूखाताल क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने को लेकर पुलिस सुबह से ही मुस्तैद दिखी. सीओ विभा दीक्षित ने कहा कानून व्यवस्था बनाने और स्थिति नियंत्रण करने को लेकर एक प्लाटून पीएसी, 4 सब इंस्पेक्टर, 7 एसआई, 10 महिला कॉन्स्टेबल, 10 पुरुष कांस्टेबल समेत होमगार्ड मौजूद रहे.

Last Updated : Dec 15, 2022, 8:22 PM IST
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