हल्द्वानी: अब कुमाऊं मंडल के लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस फिटनेस बनाने समेत अन्य कार्यों के लिए ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का लाभ मिल सकेगा. इसके लिए परिवहन विभाग ने वन विभाग से गौलापार में 8 हेक्टेयर भूमि भी अधिकृत की है. ऐसे में नए साल से कुमाऊं वासियों को परिवहन विभाग की यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी.
आरटीओ राजीव मेहरा ने बताया कि विभाग ने वन विभाग से 8 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण कर ली है. उस पर मोटर ड्राइविंग स्कूल ऑटोमेटिक टेस्टिंग ट्रैक और ड्राइविंग ट्रैक बनाने का कार्य गतिमान है. उन्होंने कहा नए साल तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है. ऑटोमेटिक टेस्टिंग ट्रैक बनने से उपभोक्ताओं का समय भी बचेगा और दलालों से भी मुक्ति मिलेगी. उन्होंने कहा इसमें फोर व्हीलर की डीएल के लिए एप्लीकेंट्स को ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक में 5 प्रकार से गाड़ी चलाकर दिखानी होगी. इसके साथ ही बाइक टेस्टिंग पुराने तरीके से ही कराई जाएगी.
उन्होंने बताया कि कार के परमानेंट डीएल के लिए एप्लिकेंट को कार बैक करना, इमरजेंसी ब्रेक लगाना समेत सेंसर युक्त ट्रक में कार चला कर दिखाना होगा. ट्रैक में कई सेंसर लगे हुए होंगे. उन्होंने बताया कि ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक में परमानेंट डीएल इंप्लिकेट के टेस्ट देने से पारदर्शिता आएगी. इसका पूरा वीडियो कंट्रोल रूम में सेफ रहेगा.
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आरटीओ राजीव मेहरा का कहना है कि वन विभाग से स्वीकृति मिल गई है. मोटर ड्राइविंग के लिए लगभग 20 करोड़ का प्रस्ताव शासन में रखा गया है. ऑटोमेटिक टेस्टिंग ट्रैक के लिए यह पूरे कुमाऊं के लिए सुविधाजनक ड्राइविंग स्कूल ऑटोमेटिक टेस्टिंग ट्रैक बनाया जा रहा है. देहरादून के बाद अब कुमाऊं को भी सौगात मिलने वाली है. इसमें एक और खास बात है कि गाड़ी की फिटनेस को सेंसर द्वारा प्रिंट की जाएगा. अभी तक ड्राइविंग ट्रेनिंग के लिए सुविधा उपलब्ध नहीं थी.