नैनीताल: कालाढूंगी तहसील में स्थायी उपजिलाधिकारी न होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों को हर काम के लिए तहसील परिसर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. बीते चार महीने में कालाढूंगी तहसील से चार उप जिलाधिकारियों का तबादला हो चुका है. फिलहाल यहां एक भी एसडीएम नहीं है.
कालाढूंगी की तहसील ब्रिटिशकालीन तहसील है, जिसका निर्माण 1882 में हुआ था. कुमाऊं मंडल की प्रथम तहसील होने के चलते इस तहसील में अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत, सहित नैनीताल का कार्यभार भी देखा जाता था. आज उसी तहसील की हालत ये है कि यहां लोगों को स्थायी, जाति, आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए महीनों लग रहे हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थायी उपजिलाधिकारी न होने से काफी समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है. कुमाऊं मंडल की प्रथम तहसील को जो मूलभूत सुविधाएं मिलनी चाहिए थीं, उससे तहसील वंचित है. तहसील में हो रही लपरवाही का खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि अगर स्थिति ऐसी बनी रही तो आंदोलन किया जायेगा.
वहीं, कुमाऊं आयुक्त अजय रौतेला ने बताया कि वर्तमान में सरकार के पास अधिकारियों की कमी के चलते हल्द्वानी के उपजिलाधिकारी विवेक रॉय को एक दिन के लिए कालाढूंगी अटैच किया गया है. जल्द ही कालाढूंगी को एक स्थायी उपजिलाधिकारी उपलब्ध कराया जायेगा.