देहरादूनः निकाय चुनाव के शोर-शराबे के बीच देहरादून नगर निगम का वार्ड नंबर 36 भी चर्चाओं में है. विजय पार्क के नाम से जाने जाने वाले इस वार्ड में पिछले 20 सालों से अमिता सिंह का ही दबदबा है. अमिता सिंह ने यहां ऐसी किलेबंदी की है कि आजतक उसे कोई भी भेद नहीं सका. हालांकि इस बार कांग्रेस ने एक नए युवा चेहरे को इतिहास बदलने की जिम्मेदारी दी है. जबकि निर्दलीय प्रत्याशी ने भी किलेबंदी में सुराख करने की कोशिश के साथ अमिता सिंह को चुनौती दी है.
उत्तराखंड में छोटी सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए राजनीतिक रण में शह मात का खेल शुरू हो चुका है. देहरादून नगर निगम में मौजूद 100 वार्ड पर तमाम प्रत्याशी जोर आजमाइश में जुटे हुए हैं. लेकिन आज बात इन 100 वार्डों में एक ऐसे क्षेत्र की, जिसकी कमान पिछले 20 सालों से एक ही महिला के हाथ में है. यानी देहरादून नगर निगम बनने के बाद से वार्ड 36 पर सिर्फ भाजपा की अमिता सिंह का ही दबदबा रहा है.
जनता काम से खुश: देहरादून के एक बड़े क्षेत्र में राजनीतिक रूप से अमिता सिंह की पैठ होने के पीछे कई कारण माने जाते हैं. दरअसल अमिता सिंह एक दबंग पार्षद के रूप में जानी जाती हैं और तमाम राजनीतिक गतिविधियों में उनकी सक्रियता के कारण उन्हें अलग पहचान मिली है. जाहिर है कि पिछले लंबे समय से वो वार्ड 36 विजय पार्क का प्रतिनिधित्व कर रही हैं तो क्षेत्र में उन्हें हर कोई पहचानता है. अमिता सिंह को लगातार पार्षद के लिए चुनने वाले लोग कहते हैं कि वो हम लोगों की समस्याओं पर फौरन काम करती हैं और क्षेत्र में साफ सफाई के अलावा दूसरी तमाम मूलभूत सुविधाओं को भी उन्होंने बेहतर किया है. जिसके कारण वह बार-बार इस क्षेत्र से चुनकर नगर निगम पहुंचती हैं.
इलाके में ये बड़े संस्थानों के दफ्तर: वार्ड नंबर 36 विजय पार्क में करीब 7 हजार मतदाता मौजूद है. जिनमें अमूमन करीब 50 से 55 प्रतिशत की पोलिंग रिकॉर्ड की गई है. इस इलाके में कोई भी मलिन बस्ती मौजूद नहीं है. जबकि वाडिया इंस्टीट्यूट, फॉरेस्ट रिसर्च ऑफ इंडिया जैसे राष्ट्रीय संस्थान भी इस क्षेत्र में स्थित हैं. इसके अलावा उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड और उत्तराखंड जल विद्युत निगम के मुख्यालय भी इसी क्षेत्र में हैं. जबकि कुछ विधायक और आईएएस अधिकारियों के घर भी इस इलाके में मौजूद हैं.
वार्ड 36 विजय पार्क क्षेत्र में ये हैं मुख्य रूप से कॉलोनियों: मुख्य रूप से देखें तो इस क्षेत्र में मोहित नगर, शिव विहार, महारानी बाग फेज वन और टू, शिवा एन्क्लेव, शिव विहार, शिवालिक पुरम, एकता लेन, दुर्गा विहार, पैसिफिक स्टेट, पर्ल हाइट्स, सिद्धार्थ एन्क्लेव, नेहरू एनक्लेव, हरी कुंज, हरी विहार, रंजीत पुरम, विजय पार्क, विवेक विहार, ओकेट 1-2-3, बल्लीवाला चौक, बसंत कुंज और एफआरआई कॉलोनी मौजूद है.
वार्ड में जिन मुद्दों पर लोगों को है जनप्रतिनिधियों से शिकायत: इस क्षेत्र में सड़कों की स्थिति तो सही दिखाई देती है और साफ सफाई भी बेहतर नजर आती है. लेकिन कुछ क्षेत्रों में सीवर लाइन का काम अब तक नहीं हुआ है. इसी तरह विजय पार्क लेन नंबर 2 में जल भराव की स्थिति बनी रहती है. इस क्षेत्र में अपराधी घटनाओं के कारण महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है. कुछ जगहों पर बिजली के पोल झुके होने की भी शिकायत मिल रही है. साथ ही बिजली के पोल पर अव्यवस्थित तारे भी यहां दिखाई देती हैं.
क्षेत्र में 20 साल के प्रतिनिधित्व के बाद अब ये हैं इनके वादे: अमिता सिंह पिछले 20 सालों से इस क्षेत्र की कमान संभाले हुए हैं. लेकिन अब भी ऐसे कुछ मुद्दे हैं जिस पर वह काम करना चाहती हैं. इसमें पहला काम तो इस क्षेत्र में मौजूद तमाम कॉलोनी को गेट सिस्टम से जोड़ना है. इसके अलावा सुरक्षा संबंधित दिक्कतों के कारण सभी जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाना भी उनकी प्राथमिकता है. अमिता सिंह कहती हैं कि वो इस वार्ड को आदर्श वार्ड बनाना चाहती हैं.
अमिता सिंह का दावा: पिछले 20 सालों से एक महिला के लिए लगातार राजनीति में सक्रिय रहकर अपनी जीत बनाए रखना आसान काम नहीं है. अमिता सिंह कहती हैं कि 20 साल पहले राजनीति में आने के बाद से वो कभी बच्चों और परिवार को ठीक से समय नहीं दे पाई. स्थानीय लोगों का आधी रात में भी फोन आया तो वह कभी जाने से नहीं हिचकिचाई. और यही वजह है कि लोगों ने हर बार उनके इस काम को सराहा और जीत की दहलीज तक पहुंचा.
कांग्रेस ने युवा चेहरे को दिया मौका: देहरादून के विजय पार्क वार्ड नंबर 36 में तीन प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. भाजपा से अमिता सिंह के सामने कांग्रेस ने युवा और नए चेहरे को मैदान में उतारा है. कांग्रेस की तरफ से गीतांजलि शर्मा मोर्चा संभाल रही हैं और इस बार इतिहास बदलने का दावा भी कर रही हैं. लोगों के पास जब वह जाती हैं तो खुद को एक बेटी के रूप में समर्थन देने की मांग करती हैं और एक बार युवा चेहरे को भी चुनने की अपील करती हैं. ईटीवी भारत ने भी उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ऐसी कई समस्याएं हैं जिसका निराकरण नहीं हुआ है. जल भराव का आज भी 20 साल बाद समाधान नहीं निकल पाया है.
सीट पर एक निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में: विजय पार्क क्षेत्र में पार्षद पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में केसर सिंह रावत भी मैदान में हैं. और इस तरह 3 प्रत्याशी इस सीट पर आमने सामने की लड़ाई लड़ रहे हैं.
कुछ लोगों के अमिता सिंह पर आरोप: इस दौरान कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कहते हैं कि मौजूदा पार्षद ने पिछले 20 साल में एक क्षेत्र विशेष को ही तरजीह दी है. जबकि उनके इलाके में ना तो उन्होंने काम किया है और ना ही स्थानीय लोगों की शिकायत के लिए वह कभी आती है.
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