रामनगर: स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर रामनगर संयुक्त चिकित्सायल का हालत कुछ खास नहीं है. जिसके कारण रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय में तीमारदारों को कई समस्याएं उठानी पड़ रही हैं. पीपीपी मोड पर गए अस्पताल में तीमारदार और उनके मरीजों के लिए पीना तो छोड़िए शौचालय तक के लिए पानी नहीं है. जिसके लिए तीमारदार बाहर से अपने मरीजों के लिए पानी ला रहे हैं.
मरीजों का कहना है कि सुबह से ही पानी नहीं आ रहा है, ना ही पीने के लिए अस्पताल में पानी है और ना ही शौचालयों में पानी की व्यवस्था है. उन्होंने कहा हमें अपने मरीजों के शौचालय जाने के लिए बाहर से पानी लाना पड़ रहा है. जिससे उनके सामने बहुत बड़ी समस्या पैदा हो रही है.
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मरीजों ने कहा उन्होंने इस विषय में अस्पताल प्रशासन से भी बात की, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया. मामले में अस्पताल की सीएमएस डॉ चंद्रा पंत ने कहां मामला उनके संज्ञान में नहीं है, फिर भी वे मामले की जानकारी लेकर उचित कार्रवाई करेंगी.
आए दिन विवादों में अस्पताल: खराब व्यवस्थाओं के कारण रामनगर का संयुक्त चिकित्सालय हमेशा ही विवादों में रहता है. इसे लेकर हमेशा ही स्थानीय जनता धरने प्रदर्शन करती रहती है. सुविधा होने के बावजूद भी प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को भी रेफर करने के मामले यहां सामने आते रहते हैं. यहां मौजूद अव्यवस्थाओं के कारण मरीज और तिमारदार अक्सर परेशान ही रहते हैं.
नहीं मिलता उचित इलाज: स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि पीपीपी मोड में चल रहे सरकारी अस्पताल में गायनोकोलॉजिस्ट रात के समय में चिकित्सा के लिए उपलब्ध नहीं होती हैं. साथ ही न्यूरो सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, हृदय रोग विशेषज्ञ और मुख्य डॉक्टर इस पीपीपी मोड में नहीं हैं. साथ ही अस्पताल द्वारा दवाइयां पूर्ण रूप से उपलब्ध नहीं कराई जा जाती हैं. कोई आपातकाल केस हो तो उसको तुरंत रेफर कर दिया जाता है. मरीजों को उचित इलाज नहीं दिया जाता है.
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