देहरादून: आज सोमवार 27 जनवरी का दिन उत्तराखंड के इतिहास में दर्ज हो जाएगा. आज उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो रहा है. करीब दो साल में बनकर तैयार हुई यूसीसी की नियमावली के लिए समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति ने खूब पसीना बहाया. संचार के विभिन्न माध्यमों से समिति को अनेकों-अनेक सुझाव मिले, तब जाकर यूसीसी नियमावली को अंतिम रूप दिया जा सका, जो आज लागू होने जा रही है.
विस्तार से हुई यूसीसी की तैयारी: धामी सरकार ने 2022 में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. कमेटी की अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई बनाई गई थीं. उनके साथ चार अन्य सदस्यों में दिल्ली हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रमोद कोहली, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह के साथ ही टैक्स पेयर एसोसिएशन के मनु गौड़ और शिक्षाविद सुरेखा डंगवाल कमेटी में शामिल थे. विशेषज्ञ समिति ने विभिन्न माध्यमों से लोगों से संपर्क किया तो लोगों ने भी संचार के हर उपलब्ध साधन से अपने सुझाव दिए.
यूसीसी के लिए 49 लाख सुझाव एसएमएस से मिले: यूसीसी विशेषज्ञ समिति की चेरयरमैन रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई और उनकी टीम की राज्य के 43 हितधारकों के साथ यूसीसी को लेकर बैठकें हुईं. इसके साथ ही समिति की 72 गहन विचार विमर्श बैठकें की गईं. समिति को सुझाव वाले 49 लाख एसएमएस (Short Message Service) प्राप्त हुए. व्हाट्सअप से 29 लाख मैसेज मिले. उत्तराखंड के 2 लाख 33 हजार जागरूक नागरिकों ने भी अपने सुझाव दिए.
यूसीसी के लिए डाक से भी सुझाव मिले: इतना ही नहीं पोर्टलों पर भी 16 हजार सुझाव मिले. डाक से सुझाव देने में भी लोग पीछे नहीं रहे. जो लोग समिति तक खुद नहीं आ सके उन्होंने डाक से 36 हजार सुझाव यूसीसी को लेकर भेजे. ईमेल से यूसीसी विशेषज्ञ समिति को 24 हजार सुझाव मिले. दस्ती से भी 1 लाख 20 हजार सुझाव समिति को मिले.
इन देशों के यूसीसी का अध्ययन किया गया: सबसे महत्वपूर्ण ये रहा कि जिस तरह हमारे देश का संविधान बनाते समय संविधान प्रारूप समिति ने दुनिया के 60 देशों के संविधानों का अध्ययन करके उनके अच्छे नियमों को हमारे संविधान में लेकर तैयार किया किया था, ठीक उसी प्रकार उत्तराखंड समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति ने दुनिया के कई उन देशों जहां यूसीसी लागू है, उनके यूनिफॉर्म सिविल कोड का अध्ययन करके नियमावली को बनाया. समिति ने यूएई, तुर्किए, इंडोनेशिया, नेपाल, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कनाडा और अजरबैजान के यूसीसी का अध्ययन किया.
12 जुलाई 2024 को रिपोर्ट सार्वजनिक हुई: यूनिफॉर्म सिविल कोड की रूल्स मेकिंग एंड इंप्लीमेंटेशन कमिटी ने 12 जुलाई 2024 को यूसीसी रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया था. इसका मकसद ये था कि प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से पहले प्रदेश की जनता यूसीसी रिपोर्ट को पढ़ और समझ सके. यूसीसी रिपोर्ट चार वॉल्यूम में तैयार की गयी है. समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड, 2024 में कुल 392 अनुच्छेद हैं. यूसीसी की रिपोर्ट राज्य सरकार को मिलने के बाद मंत्रिमंडल से मंजूरी देने के साथ ही 07 फरवरी 2024 को विधानसभा से पारित किया गया. यूसीसी रिपोर्ट को प्रॉपर तरीके से लागू करने के लिए इससे संबंधित नियम तैयार करने की जरूरत थी.
यूसीसी रिपोर्ट चार खंडों में तैयार की गयी.
- पहला खंड- रिपोर्ट ऑफ द एक्सपोर्ट कमेटी
- दूसरा खंड- ड्राफ्ट कोड
- तीसरा खंड- रिपोर्ट ऑन स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन
- चौथा खंड - प्रारूप संहिता पर आधारित है
ये है यूसीसी की वेबसाइट: दरअसल, यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए रिटायर्ड न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. ऐसे में विशेषज्ञ समिति की ओर से राज्य सरकार को यूसीसी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद से ही लोग रिपोर्ट के लिए क्वेरी कर रहे थे. साथ ही आरटीआई के जरिए रिपोर्ट मांग रहे थे. जिसको देखते हुए यूसीसी के रूल्स तैयार कर रही कमेटी ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया था. ऐसे में कमेटी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया. लिहाजा आम जनता यूसीसी रिपोर्ट को यूसीसी की वेबसाइट https://ucc.uk.gov.in/ पर जाकर पढ़ सकती है.
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