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गंगा नदी पर बन रहे पावर प्रोजेक्ट पर HC सख्त, केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रोजेक्ट निर्माण के लिए हुई ब्लास्टिंग में अबतक कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. जिसमें से एक प्रोजेक्ट के वरिष्ठ अधिकारी भी है. इस प्रोजेक्ट से क्षेत्र में पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है.

नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : May 15, 2019, 7:54 PM IST

नैनीताल: चमोली में गंगा नदी पर बन रहे पावर प्रोजेक्ट के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के सख्त रूख अपनाया है. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार के अलावा राज्य पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड, जिलाधिकारी चमोली और एसडीएम जोशीमठ को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि चमोली निवासी कुंदन सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पावर प्रोजेक्ट के नाम पर सरकार ने ग्रामीणों की जमीन अधिकृत कर ली है. इस के साथ ही ग्रामीणों से लंबे समय तक प्रोजेक्ट में काम भी करवाया गया. लेकिन ना तो उन्हें सरकार से जमीन का मुआवाजा मिला है और ना ही प्रोजेक्ट में मजदूरी करने का मेहताना. साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रोजेक्ट के नाम पर गंगा नदी में स्टोन क्रशर लगा दिया गया है और क्षेत्र में बेतहाशा ब्लास्टिंग की जा रही है. जिससे कई गांवों को खतरा भी पैदा हो गया है.

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रोजेक्ट निर्माण के लिए हुई ब्लास्टिंग में अबतक कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. जिसमें से एक प्रोजेक्ट के वरिष्ठ अधिकारी भी है. इस प्रोजेक्ट से क्षेत्र में पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है. इसके अलावा विश्व में प्रसिद्ध चिपको आंदोलन के वन मार्ग को प्रोजेक्ट के कारण बंद कर दिया गया है. साथ ही याचिकाकर्ता ने चीन सीमा में लगे इस क्षेत्र में हो रही ब्लास्टिंग पर भी सवाल खड़े किये हैं.

वहीं, इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन, न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने अब केंद्र और राज्य सरकार के अलावा राज्य पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड, जिलाधिकारी चमोली और एसडीएम जोशीमठ को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल: चमोली में गंगा नदी पर बन रहे पावर प्रोजेक्ट के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के सख्त रूख अपनाया है. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार के अलावा राज्य पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड, जिलाधिकारी चमोली और एसडीएम जोशीमठ को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि चमोली निवासी कुंदन सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पावर प्रोजेक्ट के नाम पर सरकार ने ग्रामीणों की जमीन अधिकृत कर ली है. इस के साथ ही ग्रामीणों से लंबे समय तक प्रोजेक्ट में काम भी करवाया गया. लेकिन ना तो उन्हें सरकार से जमीन का मुआवाजा मिला है और ना ही प्रोजेक्ट में मजदूरी करने का मेहताना. साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रोजेक्ट के नाम पर गंगा नदी में स्टोन क्रशर लगा दिया गया है और क्षेत्र में बेतहाशा ब्लास्टिंग की जा रही है. जिससे कई गांवों को खतरा भी पैदा हो गया है.

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रोजेक्ट निर्माण के लिए हुई ब्लास्टिंग में अबतक कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. जिसमें से एक प्रोजेक्ट के वरिष्ठ अधिकारी भी है. इस प्रोजेक्ट से क्षेत्र में पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है. इसके अलावा विश्व में प्रसिद्ध चिपको आंदोलन के वन मार्ग को प्रोजेक्ट के कारण बंद कर दिया गया है. साथ ही याचिकाकर्ता ने चीन सीमा में लगे इस क्षेत्र में हो रही ब्लास्टिंग पर भी सवाल खड़े किये हैं.

वहीं, इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन, न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने अब केंद्र और राज्य सरकार के अलावा राज्य पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड, जिलाधिकारी चमोली और एसडीएम जोशीमठ को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

Intro:स्लग- पावर प्रोजेक्ट

रिपोर्ट- गौरव जोशी

स्थान- नैनीताल

एंकर- चमोली के ऋणी गंगा नदी में बन रहे पावर प्रोजेक्ट के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के सख्त रूख अपनाते हुए केंद्र सरकार,, राज्य सरकार, राज्य पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड, डी एम चमोली, एस डी एम जोशीमठ को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।




Body:आपको बता दें कि चमोली निवासी कुंदन सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका लाकर कहा है कि और प्रोजेक्ट नाम पर सरकार ने ग्रामीणों की जमीन ले ली है और लंबे समय तक उनसे प्रोजेक्ट में काम भी करवाया लेकिन उनका आज तक ना तो जमीन का मुआवजा मिला और ना ही काम करने की मजदूरी।


Conclusion:साथ ही याचिकाकर्ताओं का कहना है कि और प्रोजेक्ट के नाम पर नदी में स्टोन क्रेशर लगा दिया गया है साथ ही पावर प्रोजेक्ट बनाने के नाम पर क्षेत्र में बेतहाशा ब्लास्टिंग की जा रही है जिससे कई गांवों को खतरा भी पैदा हो गया है, जबकि इस विस्फोट में अब तक कई लोगों की मौत भी हो चुकी है जिसमें से एक प्रोजेक्ट का वरिष्ठ अधिकारी भी है, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि प्रॉजेक्ट के निर्माण से पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है और विश्व में प्रसिद्ध चिपको आंदोलन के वन मार्ग को प्रोजेक्ट के द्वारा बंद कर दिया गया है,,, वही याचिका में चीन सिमा में लगे इस क्षेत्र में हो रही ब्लास्टिंग पर भी सवाल खड़े करे गए है,

मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंग नाथन, न्यायाधीश नारायण  सिंह धनिक की खंडपीठ ने मामले में केंद्र सरकार, राज्य सरकार,राज्य पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड , डीएम चमोली, एसडीएम जोशीमठ, को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब देने के आदेश दिए हैं।


बाईट- अभिजय नेगी, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।

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