नैनीताल: चमोली में गंगा नदी पर बन रहे पावर प्रोजेक्ट के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के सख्त रूख अपनाया है. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार के अलावा राज्य पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड, जिलाधिकारी चमोली और एसडीएम जोशीमठ को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि चमोली निवासी कुंदन सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पावर प्रोजेक्ट के नाम पर सरकार ने ग्रामीणों की जमीन अधिकृत कर ली है. इस के साथ ही ग्रामीणों से लंबे समय तक प्रोजेक्ट में काम भी करवाया गया. लेकिन ना तो उन्हें सरकार से जमीन का मुआवाजा मिला है और ना ही प्रोजेक्ट में मजदूरी करने का मेहताना. साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रोजेक्ट के नाम पर गंगा नदी में स्टोन क्रशर लगा दिया गया है और क्षेत्र में बेतहाशा ब्लास्टिंग की जा रही है. जिससे कई गांवों को खतरा भी पैदा हो गया है.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रोजेक्ट निर्माण के लिए हुई ब्लास्टिंग में अबतक कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. जिसमें से एक प्रोजेक्ट के वरिष्ठ अधिकारी भी है. इस प्रोजेक्ट से क्षेत्र में पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है. इसके अलावा विश्व में प्रसिद्ध चिपको आंदोलन के वन मार्ग को प्रोजेक्ट के कारण बंद कर दिया गया है. साथ ही याचिकाकर्ता ने चीन सीमा में लगे इस क्षेत्र में हो रही ब्लास्टिंग पर भी सवाल खड़े किये हैं.
वहीं, इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन, न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने अब केंद्र और राज्य सरकार के अलावा राज्य पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड, जिलाधिकारी चमोली और एसडीएम जोशीमठ को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.