हल्द्वानी: शहर के जाने-माने हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ प्रदीप पांडे ने जल संरक्षण को लेकर पहल शुरू की है. वे जल संरक्षण के लिए बेहतर काम करते हुए अपने हॉस्पिटल से निकलने वाले गंदे पानी को रिसाइकिलिंग कर दोबारा उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने इसके लिए अपने हॉस्पिटल में एसटीपी प्लांट लगाया है. अस्पताल से निकलने वाले गंदे पानी को रीसाइकिल कर साफ-सफाई में इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही डॉक्टर इस पानी का इस्तेमाल जैविक खेती के लिए भी कर रहे हैं. इस पानी के जरिये ही डॉक्टर पांडे अस्पताल की छत पर ही भारी मात्रा में ऑर्गेनिक सब्जियां और फल तैयार कर रहे हैं.
डॉक्टर प्रदीप पांडे ने बताया उनके हॉस्पिटल में रोजाना करीब 6000 लीटर के आसपास पानी का इस्तेमाल होता है. इससे पहले अस्पताल से निकलने वाला ये पानी बर्बाद हो जाता था. पानी की बर्बादी को देखते हुए उन्होंने हॉस्पिटल में एसटीपी प्लांट लगाया. जिसके माध्यम से गंदे पानी को ट्रीट कर उससे निकलने वाले करीब रोजाना के 4000 लीटर साफ पानी फिर से प्रयोग में लाकर अस्पताल की साफ सफाई के अलावा छत के ऊपर बागवानी में प्रयोग किया जाता है.
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डॉक्टर प्रदीप पांडे ने बताया कि हल्द्वानी शहर में सबसे ज्यादा पानी की किल्लत रहती है. इसी को देखते हुए उनके दिमाग में आइडिया आया कि क्यों न अस्पताल से निकलने वाले गंदे पानी को रीसाइकिल कर उसका फिर से इस्तेमाल किया जाए. ऐसा करते हुए डॉक्टर प्रदीप पांडे जल संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर काम करते हुए पानी बचा रहे हैं.
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डॉक्टर प्रदीप पांडे की इस पहल को लोग भी जमकर सराहना कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि डॉ प्रदीप पांडे की तरह शहर के अन्य हॉस्पिटल्स को भी इसी तरह से जल संरक्षण के क्षेत्र में काम करना चाहिए. लोगों ने कहा डॉक्टर प्रदीप पांडे की ये पहल अन्य लोगों के लिए नजीर है.