हल्द्वानी: उत्तराखंड में कांग्रेस के बागियों को लेकर फिर से एक बार सियासत शुरू हो गई है. पूर्व सीएम हरीश रावत के बागियों को लेकर ट्वीट के बाद उत्तराखंड कांग्रेस अब दो भागों में बंटती नजर आ रही है.
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के बागियों को 'रूठा' हुआ कहे जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. वहीं, अब नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने प्रीतम सिंह का साथ दिया है. इंदिरा हृदयेश का कहना है कि हरीश रावत जो भी कहें, हम उनके ऊपर अपने विचार नहीं थोप सकते हैं. राजनीति में उनका लंबा अनुभव है, लेकिन राजनीति में दरवाजे हमेशा खुले रखने पड़ते हैं. किसी के लिए दरवाजे कभी बंद नहीं किए जाते.
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धन्य है, #उत्तराखंड की राजनीति। देश भर के #दल_बदलू अब रूठे हुये अपने हो गये हैं, असम, अरुणांचल, मणिपुर, गोवा, तेलंगाना, कर्नाटका, अभी-अभी मध्य प्रदेश के दल-बदलू भी अब अपने रूठे हुये कहलायेंगे। यह हमारी भूल थी कि हम उन्हें दल-बदलू कह गये....https://t.co/ptVWIDHzhs pic.twitter.com/rbE8AuCEAc
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) November 17, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) November 17, 2020
इंदिरा हृदयेश ने सोनिया गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपने खिलाफ चुनाव लड़ने वालों को मंत्रिमंडल में शामिल किया था. लिहाजा यह सब फैसला कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व करेगा.
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प्रीतम सिंह की तरह इंदिरा हृदयेश ने भी कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं को बागी कहने से इनकार किया है. इससे साफ हो गया है कि कांग्रेस दो धड़ों में बंटती दिखाई दे रही है. एक ओर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार बागियों के खिलाफ सोशल मीडिया में मोर्चा खोले हुए हैं. वहीं, दूसरी ओर प्रीतम और इंदिरा हृदयेश इनके समर्थन में हैं.