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रामनगर: डिजिटल इंडिया मुहिम को लगे पंख, ऑनलाइन बिलों के भुगतान में आई तेजी

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Published : Sep 5, 2021, 12:52 PM IST

डिजिटल माध्यम से बिजली बिल जमा करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए विद्युत विभाग लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में साल दर साल डिजिटल माध्यम से बिलों के भुगतान में इजाफा देखने को मिल रही है.

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ऑनलाइन बिल भुगतान

रामनगर: पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने की मुहिम में हर विभाग तत्परता से कार्य कर रहा है. वहीं, रामनगर में डिजिटल माध्यम से बिजली बिल जमा करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए विद्युत विभाग भी लगातार प्रयासरत है. साथ ही ऑनलाइन विद्युत बिल भरने वाले उपभोक्ताओं की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है.

बता दें विद्युत विभाग डि‍ज‍िटल भुगतान को प्राथमिकता दे रही है. जिससे डिजिटल इंडिया की मुहिम को सार्थक किया जा सके. बिजली कंपनी के सामने हर साल बिल समय से जमा न होने की परेशानी सामने आती हैं. जो डिजिटल माध्यम से भुगतान होने के कारण कम हो रही है. रामनगर में भी साल दर साल ऑनलाइन विद्युत बिल भुगतान में इजाफा हो रहा है.

डिजिटल इंडिया मुहिम को लगे पंख.

विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता विवेक कांडपाल ने बताया कि रामनगर डिवीजन में अभी 56 हजार से ज्यादा बिजली के उपभोक्ता हैं. विवेक कांडपाल ने कहा कि यह लगातार वित्तीय वर्ष में देखा जा रहा है कि जो उपभोक्ता हमारे ऑनलाइन मोड के जरिए बिलों का भुगतान कर रहे हैं, उनमें लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही .

डिजिटल माध्यम में आई बढ़ोत्तरी: विवेक कांडपाल ने बताया कि साल 2017-18 में 63 करोड़ रुपए सामान्य तरीके से उपभोक्ताओं ने बिलों का भुगतान किया था, जबकि डिजिटल माध्यम से 7 करोड़ 51 लाख रुपए ऑनलाइन जमा किए. इस हिसाब से 2017-18 में 11% ऑनलाइन पेमेंट के जरिए बिलों से पैसा आया. उन्होंने बताया कि साल 2018-19 में 68 करोड़ रुपए से ज्यादा सामान्य तरीके से आया, जबकी 18 करोड़ से ज्यादा ऑनलाइन मोड से आया. इस हिसाब से 21% ऑनलाइन मोड से आया. साल 2019-20 में 76 करोड़ रुपए से ज्यादा सामान्य तरीके से आया, जबकी 24 करोड़ रुपए से ज्यादा ऑनलाइन मोड से आया.

पढ़ें-हरीश रावत की 'गुगली' में फंसी BJP, सक्रियता ने बढ़ाई परेशानियां

इस हिसाब से 24%ऑनलाइन मोड से आया. साल 2020-21 में 54 करोड़ रुपए से ज्यादा सामान्य तरीके से आया, जबकि 21 करोड़ रुपए से ज्यादा ऑनलाइन मोड से आया. इस हिसाब से 29%ऑनलाइन मोड से आया. साल 2021-2022 अगस्त तक की बात करें तो 16 करोड़ रुपए सामान्य तरीके से आया, जबकी 9 करोड़ रुपए से ज्यादा ऑनलाइन मोड से आया. इस हिसाब से 37%ऑनलाइन मोड से आया. अधिशासी अभियंता विवेक कांडपाल ने कहा कि प्रतिवर्ष देखा जा रहा है कि उपभोक्ता डिजिटल मोड से ज्यादा बिलों का भुगतान कर रहे हैं.

रामनगर: पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने की मुहिम में हर विभाग तत्परता से कार्य कर रहा है. वहीं, रामनगर में डिजिटल माध्यम से बिजली बिल जमा करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए विद्युत विभाग भी लगातार प्रयासरत है. साथ ही ऑनलाइन विद्युत बिल भरने वाले उपभोक्ताओं की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है.

बता दें विद्युत विभाग डि‍ज‍िटल भुगतान को प्राथमिकता दे रही है. जिससे डिजिटल इंडिया की मुहिम को सार्थक किया जा सके. बिजली कंपनी के सामने हर साल बिल समय से जमा न होने की परेशानी सामने आती हैं. जो डिजिटल माध्यम से भुगतान होने के कारण कम हो रही है. रामनगर में भी साल दर साल ऑनलाइन विद्युत बिल भुगतान में इजाफा हो रहा है.

डिजिटल इंडिया मुहिम को लगे पंख.

विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता विवेक कांडपाल ने बताया कि रामनगर डिवीजन में अभी 56 हजार से ज्यादा बिजली के उपभोक्ता हैं. विवेक कांडपाल ने कहा कि यह लगातार वित्तीय वर्ष में देखा जा रहा है कि जो उपभोक्ता हमारे ऑनलाइन मोड के जरिए बिलों का भुगतान कर रहे हैं, उनमें लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही .

डिजिटल माध्यम में आई बढ़ोत्तरी: विवेक कांडपाल ने बताया कि साल 2017-18 में 63 करोड़ रुपए सामान्य तरीके से उपभोक्ताओं ने बिलों का भुगतान किया था, जबकि डिजिटल माध्यम से 7 करोड़ 51 लाख रुपए ऑनलाइन जमा किए. इस हिसाब से 2017-18 में 11% ऑनलाइन पेमेंट के जरिए बिलों से पैसा आया. उन्होंने बताया कि साल 2018-19 में 68 करोड़ रुपए से ज्यादा सामान्य तरीके से आया, जबकी 18 करोड़ से ज्यादा ऑनलाइन मोड से आया. इस हिसाब से 21% ऑनलाइन मोड से आया. साल 2019-20 में 76 करोड़ रुपए से ज्यादा सामान्य तरीके से आया, जबकी 24 करोड़ रुपए से ज्यादा ऑनलाइन मोड से आया.

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इस हिसाब से 24%ऑनलाइन मोड से आया. साल 2020-21 में 54 करोड़ रुपए से ज्यादा सामान्य तरीके से आया, जबकि 21 करोड़ रुपए से ज्यादा ऑनलाइन मोड से आया. इस हिसाब से 29%ऑनलाइन मोड से आया. साल 2021-2022 अगस्त तक की बात करें तो 16 करोड़ रुपए सामान्य तरीके से आया, जबकी 9 करोड़ रुपए से ज्यादा ऑनलाइन मोड से आया. इस हिसाब से 37%ऑनलाइन मोड से आया. अधिशासी अभियंता विवेक कांडपाल ने कहा कि प्रतिवर्ष देखा जा रहा है कि उपभोक्ता डिजिटल मोड से ज्यादा बिलों का भुगतान कर रहे हैं.

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