रामनगर: लॉकडाउन के बाद से अब स्थितियां सामान्य हो गई हैं. रामनगर के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क में आने वाले पर्यटक ऊंटों की सवारी का आनंद ले रहे हैं. हालांकि पार्क प्रशासन इससे पहले हाथियों की सवारी कराता था. लेकिन साल 2017 से हाथी की सवारी पर रोक के बाद अब पर्यटक ऊंट की सवारी का लुत्फ उठा रहे हैं.
वर्तमान में स्थितियां सामान्य होने के बाद अब कॉर्बेट पार्क में सैलानियों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हर साल वन्यजीवों का दीदार करने के लिए देश-विदेश के सैलानी खिंचे चले आते हैं. साल 2017 से पहले कॉर्बेट पार्क प्रशासन पर्यटकों को हाथी की सवारी करवाता था. लेकिन साल 2017 में ढिकाला क्षेत्र में एक जंगली टस्कर हाथी ने पालतू हथिनी पर हमला कर दिया था. सुरक्षा की दृष्टि से इसको देखते हए पार्क प्रशासन ने कुछ समय के लिए ढिकाला जोन से हाथी सफारी बंद करने का फैसला लिया था.
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उसी वक्त किसी एनजीओ ने हाथी सफारी पर हाईकोर्ट में आपत्ति डाल दी थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने कॉर्बेट पार्क में हाथी सफारी पर पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर प्रतिबंध लगा दिया था. हाथी सफारी को कॉर्बेट पार्क में बंद हुए 4 वर्षों का समय हो चुका है. तभी से पर्यटकों द्वारा हाथी सफारी को फिर से शुरू करने की मांग उठाई जा रही है. पर्यटक हाथी सफारी का आनंद तो नहीं उठा पा रहे हैं, लेकिन अब हाथी की जगह ऊंट की सफारी करने की व्यवस्था की गई है.
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सैलानियों को ऊंट की सफारी करवाने वाले इस्लामुद्दीन का कहना है कि ऊंटों की सवारी करवा कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. साथ ही ऊंटों को भी पाल रहे हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में उनके सामने परिवार और ऊंटों को पालने में कई समस्याएं आईं. लेकिन वर्तमान में स्थिति सामान्य होने के बाद से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में सैलानियों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है. इससे उनकी आर्थिक स्थिति एक बार फिर से पटरी पर लौट आई है. साथ ही पर्यटक भी ऊंट की सवारी का लुत्फ उठा रहे हैं.