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NH-74 घोटाला: डीपी सिंह और तीरथ पाल की बढ़ी मुश्किलें, हाइकोर्ट ने जारी किया गैर जमानती वारंट

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Published : Nov 2, 2019, 1:08 PM IST

Updated : Nov 2, 2019, 1:29 PM IST

उत्तराखंड सबसे बड़े NH-74 घोटाले में 23 लोगों को हाइकोर्ट ने पेश होने के आदेश दिए थे. जिसमें मुख्य आरोपी डीपी सिंह और तीरथ पाल कोर्ट में पेश न होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं.

dsbgप्रदेश के बहुचर्चित 500 करोड़ के NH-74 भूमि मुआवजा घोटाला

नैनीताल: प्रदेश के बहुचर्चित 500 करोड़ के NH-74 भूमि मुआवजा घोटाले के मुख्य आरोपी डीपी सिंह और तीरथ पाल को जिला न्यायालय से बड़ा झटका लगा है. वहीं, नैनीताल जिला न्यायालय ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में पेश न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया है. इस दौरान 22 अन्य आरोपी कोर्ट में पेश हुए और अपना पक्ष रखा.

प्रदेश के बहुचर्चित 500 करोड़ के NH-74 भूमि मुआवजा घोटाला

बता दें कि साल 2014 में तत्कालीन कुमाऊं कमिश्नर डी. सेंथिल पांडियन की रिपोर्ट के आधार पर NH-74 भूमि मुआवजा घोटाला सामने आया था. जिसके बाद नवंबर 2017 में पंतनगर थाने में घोटाले के मामले में एफआईआर दर्ज की गई और घोटाले की जांच एसआईटी के द्वारा कराई गई. जिसके बाद एसआईटी के जांच अधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने 4 एसडीएम, एसएलओ, राजस्व अधिकारी, राजस्व विभाग के कर्मचारी, काश्तकार, बिचौलियों समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

ये भी पढ़ें: रुड़की नगर निगम चुनाव: कांग्रेस में उठे बगावत के सुर, पार्टी प्रत्याशी पर लगे गंभीर आरोप

वहीं, घोटाला मामले में चल रही सुनवाई के दौरान पूर्व में जिला न्यायालय ने डीपी सिंह सहित सभी 23 लोगों को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे. जिसके बाद 22 काश्तकार व अन्य लोग तो कोर्ट में पेश हुए. लेकिन घोटाले के मुख्य आरोपी डीपी सिंह और तीरथ पाल कोर्ट में पेश नहीं हुए. जिस पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए दोनों अधिकारियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है.

नैनीताल: प्रदेश के बहुचर्चित 500 करोड़ के NH-74 भूमि मुआवजा घोटाले के मुख्य आरोपी डीपी सिंह और तीरथ पाल को जिला न्यायालय से बड़ा झटका लगा है. वहीं, नैनीताल जिला न्यायालय ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में पेश न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया है. इस दौरान 22 अन्य आरोपी कोर्ट में पेश हुए और अपना पक्ष रखा.

प्रदेश के बहुचर्चित 500 करोड़ के NH-74 भूमि मुआवजा घोटाला

बता दें कि साल 2014 में तत्कालीन कुमाऊं कमिश्नर डी. सेंथिल पांडियन की रिपोर्ट के आधार पर NH-74 भूमि मुआवजा घोटाला सामने आया था. जिसके बाद नवंबर 2017 में पंतनगर थाने में घोटाले के मामले में एफआईआर दर्ज की गई और घोटाले की जांच एसआईटी के द्वारा कराई गई. जिसके बाद एसआईटी के जांच अधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने 4 एसडीएम, एसएलओ, राजस्व अधिकारी, राजस्व विभाग के कर्मचारी, काश्तकार, बिचौलियों समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

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वहीं, घोटाला मामले में चल रही सुनवाई के दौरान पूर्व में जिला न्यायालय ने डीपी सिंह सहित सभी 23 लोगों को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे. जिसके बाद 22 काश्तकार व अन्य लोग तो कोर्ट में पेश हुए. लेकिन घोटाले के मुख्य आरोपी डीपी सिंह और तीरथ पाल कोर्ट में पेश नहीं हुए. जिस पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए दोनों अधिकारियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है.

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एनएच 74 भूमि मुआवजा वितरण घोटाले के मुख्य आरोपी ए डी एम डीपी सिंह और एडीएम तीरथ पाल को नैनीताल जिला न्यायालय से गैर जमानती वारंट हुए जारी।

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प्रदेश के बहुचर्चित 500 करोड़ के एनएच भूमि मुआवजा घोटाले के मुख्य आरोपी डीपी सिंह और तिरथ पाल को नैनीताल जिला न्यायालय से बड़ा झटका लगा है नैनीताल जिला न्यायालय ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में पेश न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए गैर जमानती वारंट जारी किए हैं जबकि मामले में आज 22 अन्य आरोपी कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने अपना पक्ष रखा।


Body:आपको बता दें कि 2014 में तत्कालीन कुमाऊं कमिश्नर डी सेंथिल पांडियन की रिपोर्ट के आधार पर NH-74 भूमि मुआवजा घोटाला सामने आया था जिसके बाद नवंबर 2017 में उधम सिंह नगर के पंतनगर थाने में घोटाले के मामले में एफ आई आर दर्ज की गई और घोटाले की जॉच एसआईटी के द्वारा की गई जिसके बाद एसआईटी के जांच अधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह के द्वारा 4 एसडीएम, एसएललो, राजस्व अधिकार, राजस्व विभाग के कर्मचारी, काश्तकार, बिचौलियों समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था, इन सब पर भूमि की बैक डेट में 1-4-3 (लेंड यूज चेज) कर नियम से अधिक मुआवजा देने ओर लेने का आरोप है।




Conclusion:घोटाले के मामले में चल रही सुनवाई के दौरान पूर्व में जिला न्यायालय ने डीपी सिंह समेत सभी 23 लोगों को कोर्ट में आज पेश होने के आदेश दिए थे लेकिन 22 काश्तकार व अन्य लोग तो कोर्ट में पेश हुए परंतु घोटाले के मुख्य आरोपी डीपी सिंह और तीरथ पाल कोर्ट में पेश नहीं हुए जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कोर्ट ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं।
मामले में सरकारी अधिवक्ता सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि 14 नवंबर को आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे।

बाईट- सुशिल कुमार शर्मा, शासकीय अधिवक्ता।
Last Updated : Nov 2, 2019, 1:29 PM IST
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