नैनीताल: किसानों की आत्महत्या और सरकार द्वारा अन्नदाताओं की फसल का समय पर भुगतान न करने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. गणेश उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार को स्थिति स्पष्ट करते हुए दो हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही HC ने मुख्य सचिव द्वारा कोर्ट में गलत शपथ पत्र पेश करने पर नाराजगी जताई है.
दरअसल, मुख्य सचिव ने प्रदेश के किसानों के पिछले देय के मामले में कोर्ट में शपथ पत्र पेश कर कहा था कि सरकार ने किसानों का 15 अप्रैल 2019 तक का भुगतान कर दिया है. इसपर याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने किसानों का 2019 का 700 करोड़ और 2018 का 200 करोड़ का भुगतान अबतक नहीं किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक किसान आयोग का गठन भी नहीं किया है, जो हाई कोर्ट के आदेशों का सरासर उल्लंघन है.
वहीं, सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि किसान आयोग का गठन लोकसभा चुनाव की वजह से नहीं हुआ है. चुनाव खत्म होते ही प्रदेश में किसान आयोग का गठन कर दिया जाएगा.
बता दें कि याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय ने पूर्व मे दिये कोर्ट के आदेशों का पालन न होने पर अवमानना याचिका दायर कर कहा था कि सरकार की ओर से लगातार किसानों के हितों की अनदेखी की जा रही है. सरकार पर किसानों का करोड़ों रुपया बाकी है.याचिकाकर्ता ने कहा था कि सरकार द्वारा 26 अप्रैल 2018 के आदेश का भी पालन नहीं किया गया है जो हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है.
कोर्ट का पूर्व का आदेश
हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए तीन महीन के अंदर राज्य किसान आयोग का गठन करे. साथ ही एम.एस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए. किसानों को फसल का मौसम के अनुसार फसल बीमा दिया जाए. किसानों के लिए नीति बनाई जाए. इसके अलावा कोर्ट ने कहा था कि सरकार चाहे तो इसके लिए किसानों से न्यूनतम दर पर प्रीमियम वसूल सकती है. वहीं कोर्ट ने आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को पेंशन देने की योजना बनाने के भी राज्य सरकार को निर्देश दिए थे.