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फसल भुगतान मामले में HC सख्त, CS से 2 हफ्ते में मांगा जवाब

नैनीताल हाई कोर्ट ने किसानों के बकाया भुगतान मामले पर गलत शपथ पत्र पेश करने में जताई नाराजगी. स्थिति स्पष्ट करने का दिये निर्देश.

नैनीतील हाई कोर्ट
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Published : Apr 23, 2019, 8:21 AM IST

नैनीताल: किसानों की आत्महत्या और सरकार द्वारा अन्नदाताओं की फसल का समय पर भुगतान न करने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. गणेश उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार को स्थिति स्पष्ट करते हुए दो हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही HC ने मुख्य सचिव द्वारा कोर्ट में गलत शपथ पत्र पेश करने पर नाराजगी जताई है.

दरअसल, मुख्य सचिव ने प्रदेश के किसानों के पिछले देय के मामले में कोर्ट में शपथ पत्र पेश कर कहा था कि सरकार ने किसानों का 15 अप्रैल 2019 तक का भुगतान कर दिया है. इसपर याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने किसानों का 2019 का 700 करोड़ और 2018 का 200 करोड़ का भुगतान अबतक नहीं किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक किसान आयोग का गठन भी नहीं किया है, जो हाई कोर्ट के आदेशों का सरासर उल्लंघन है.

जानकारी देते गणेश उपाध्याय, याचिकाकर्ता

वहीं, सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि किसान आयोग का गठन लोकसभा चुनाव की वजह से नहीं हुआ है. चुनाव खत्म होते ही प्रदेश में किसान आयोग का गठन कर दिया जाएगा.
बता दें कि याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय ने पूर्व मे दिये कोर्ट के आदेशों का पालन न होने पर अवमानना याचिका दायर कर कहा था कि सरकार की ओर से लगातार किसानों के हितों की अनदेखी की जा रही है. सरकार पर किसानों का करोड़ों रुपया बाकी है.याचिकाकर्ता ने कहा था कि सरकार द्वारा 26 अप्रैल 2018 के आदेश का भी पालन नहीं किया गया है जो हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है.

कोर्ट का पूर्व का आदेश
हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए तीन महीन के अंदर राज्य किसान आयोग का गठन करे. साथ ही एम.एस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए. किसानों को फसल का मौसम के अनुसार फसल बीमा दिया जाए. किसानों के लिए नीति बनाई जाए. इसके अलावा कोर्ट ने कहा था कि सरकार चाहे तो इसके लिए किसानों से न्यूनतम दर पर प्रीमियम वसूल सकती है. वहीं कोर्ट ने आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को पेंशन देने की योजना बनाने के भी राज्य सरकार को निर्देश दिए थे.

नैनीताल: किसानों की आत्महत्या और सरकार द्वारा अन्नदाताओं की फसल का समय पर भुगतान न करने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. गणेश उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार को स्थिति स्पष्ट करते हुए दो हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही HC ने मुख्य सचिव द्वारा कोर्ट में गलत शपथ पत्र पेश करने पर नाराजगी जताई है.

दरअसल, मुख्य सचिव ने प्रदेश के किसानों के पिछले देय के मामले में कोर्ट में शपथ पत्र पेश कर कहा था कि सरकार ने किसानों का 15 अप्रैल 2019 तक का भुगतान कर दिया है. इसपर याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने किसानों का 2019 का 700 करोड़ और 2018 का 200 करोड़ का भुगतान अबतक नहीं किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक किसान आयोग का गठन भी नहीं किया है, जो हाई कोर्ट के आदेशों का सरासर उल्लंघन है.

जानकारी देते गणेश उपाध्याय, याचिकाकर्ता

वहीं, सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि किसान आयोग का गठन लोकसभा चुनाव की वजह से नहीं हुआ है. चुनाव खत्म होते ही प्रदेश में किसान आयोग का गठन कर दिया जाएगा.
बता दें कि याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय ने पूर्व मे दिये कोर्ट के आदेशों का पालन न होने पर अवमानना याचिका दायर कर कहा था कि सरकार की ओर से लगातार किसानों के हितों की अनदेखी की जा रही है. सरकार पर किसानों का करोड़ों रुपया बाकी है.याचिकाकर्ता ने कहा था कि सरकार द्वारा 26 अप्रैल 2018 के आदेश का भी पालन नहीं किया गया है जो हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है.

कोर्ट का पूर्व का आदेश
हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए तीन महीन के अंदर राज्य किसान आयोग का गठन करे. साथ ही एम.एस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए. किसानों को फसल का मौसम के अनुसार फसल बीमा दिया जाए. किसानों के लिए नीति बनाई जाए. इसके अलावा कोर्ट ने कहा था कि सरकार चाहे तो इसके लिए किसानों से न्यूनतम दर पर प्रीमियम वसूल सकती है. वहीं कोर्ट ने आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को पेंशन देने की योजना बनाने के भी राज्य सरकार को निर्देश दिए थे.

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स्लग-जवाब सरकार

रिपोर्ट-गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर- प्रदेश में हो र1ही किसानों की आत्महत्या वह सरकार द्वारा उनके फैसलों का समय तक भुगतान नहीं करने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव से स्थिति स्पष्ट कर 2 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं साथ ही कोर्ट में मुख्य सचिव द्वारा गलत शपथ पत्र पेश करने के मामले में कोर्ट ने नाराजगी भी वयक्त कि है।


Body: मुख्य सचिव ने प्रदेश के किसानों के पिछले देय के मामले में शपथ पत्र पेश कर कहा था कि सरकार ने किसानों का 15 अप्रैल 2019 तक का भुगतान कर दिया है,
जिस पर याचिका कर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने किसानों का 2019 का 700 करोड़ जबकि 2018 में 200 करोड़ का भुगतान नहीं किया है ना ही सरकार ने अभी तक किसान आयोग का गठन किया है,, जो हाईकोर्ट के आदेशों का भी उल्लंघन है।
वहीं सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि किसान आयोग का गठन लोकसभा चुनाव की वजह से नहीं हुआ है और लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में किसान आयोग का गठन हो जाएगा


Conclusion:साथ ही याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय ने पुर्व मे दिये कोर्ट के आदेशों का पालन ना होने पर अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि सरकार की ओर से लगातार किसानों के हितों की अनदेखी की जा रही है,, सरकार पर किसानों का करोड़ों का रुपया बाकी है साथ ही सरकार ने अभी तक किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया वहीं याचिकाकर्ता ने कहां है कि सरकार द्वारा 26 अप्रैल 2018 के आदेश का भी पालन नहीं किया गया है जो हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है,
इससे पूर्व हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए 3 माह के भीतर राज्य किसान आयोग का गठन करें,, साथ ही एम एस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दे,, किसानों को फसलों का मौसम के अनुसार फसल बीमा दिया जाए, और किसानों के लिए नीति बनाएं,, वहीं कोर्ट ने कहा था कि सरकार चाहे तो इसके लिए किसानों से न्यूनतम दर पर प्रीमियम वसूल सकती है,,
जबकी कोर्ट ने आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार को पेंशन देने की योजना बनाने के लिए भी राज्य सरकार को निर्देश दिए थे

बाईट- गणेश उपाध्याय, याचिकाकर्ता
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