नैनीतालः क्षेत्रीय कर्मचारी भविष्य निधि आयुक्त के निर्देश पर प्रवर्तन अधिकारी अमित बब्बर ने नैनीताल नगर पालिका का लेखा अनुभाग सील कर दिया गया है. आरोप है कि पालिका की ओर से संविदा कर्मचारियों का भविष्य निधि में पंजीकरण नहीं कराया था. वहीं, पालिका के अधिशासी अधिकारी अशोक कुमार वर्मा को अपना जवाब आयुक्त भविष्य निधि के पास देने को कहा गया है.
दरअसल, नैनीताल नगर पालिका की ओर से अपने कर्मचारियों की जानकारी भविष्य निधि विभाग को नहीं देने के मामले पर बुधवार को क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त आदित्य शाह के निर्देश पर प्रवर्तन अधिकारी रितेश बब्बर ने पालिका के लेखा विभाग को (अकाउंट) सीज कर दिया है. इससे पहले हल्द्वानी भविष्य निधि कार्यालय से पहुंची एक टीम ने पालिका में छापेमारी की और अधिशासी अधिकारी से कर्मचारियों के भविष्य निधि की डिटेल मांगी. जिसे पालिका के अधिशासी अधिकारी पेश नहीं कर पाए. जिसके बाद भविष्य निधि विभाग से आई टीम ने पालिका के लेखा विभाग को तत्काल सील कर दिया.
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प्रवर्तन अधिकारी रितेश बब्बर ने बताया कि साल 2011 के तहत नगर पालिका नगर, नगर निगम कर्मचारी ईपीएफ के दायरे में आए थे और इसी के तहत सभी नगर निगमों और पालिकाओं को अपने कर्मचारियों की जानकारी ईपीएफ कार्यालय में देनी थी. जो अब तक नगर पालिका ने अपने कर्मचारियों की जानकारी ईपीएफ कार्यालय में जमा नहीं कराई. जिसके बाद साल 2018 में भविष्य निधि कार्यालय हल्द्वानी की ओर से नगर पालिका नैनीताल को नोटिस जारी कर कर्मचारियों की जानकारी पेश करने को कहा गया था, लेकिन आज तक नगर पालिका ने कर्मचारियों की जानकारी नहीं दी.
प्रवर्तन अधिकारी रितेश बब्बर ने बताया कि क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त आदित्य शाह के निर्देश पर छापेमारी की कार्रवाई की गई. इस दौरान पालिका कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई, लेकिन कर्मचारियों की जानकारी पेश नहीं कर पाए. जिसके बाद टीम ने ईपीएफ एक्ट के सेक्शन 13 के तहत लेखा विभाग को सील कर दिया है. प्रवर्तन अधिकारी ने बताया कि पालिका के कर्मचारी ईपीएफ के दायरे में आते हैं और कर्मचारियों को इसका फायदा पीएफ, भविष्य निधि, पेंशन और 7 लाख तक इंश्योरेंस का लाभ देने के लिए किया जाता है. साथ ही कर्मचारियों को भविष्य निधि में पंजीकृत करने से सस्ती दरों पर ब्याज देने, वृद्धावस्था पेंशन देने का प्रावधान है.
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इसी के तहत कर्मचारियों को पंजीकृत किया जाता है, लेकिन कई विभागों की ओर से अपने कर्मचारियों को इससे दूर रखा जाता है. जिसमें नैनीताल नगर पालिका भी शामिल है. जिसे क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त हल्द्वानी ने नोटिस जारी कर अपने कर्मचारियों की सूची पेश करने को कहा था, लेकिन 3 साल बीत जाने के बावजूद भी नगर पालिका ने कर्मचारियों की सूची नहीं भेजी. उधर, मामले में पालिका के अधिशासी अधिकारी अशोक कुमार वर्मा का कहना है कर्मचारियों की सूची का कार्य इन दिनों चल रहा है. जो जल्द ही पूरा कर ईपीएफ कार्यालय में जमा करवा दिया जाएगा.