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कुंभ कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़ा: नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से 24 दिसंबर तक मांगा जवाब

इस मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ ने सरकार से 24 दिसम्बर तक जवाब पेश करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 दिसम्बर को होगी.

kumbh fake corona testing case
कुंभ कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़ा
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Published : Dec 13, 2021, 4:33 PM IST

Updated : Dec 13, 2021, 4:48 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कुंभ मेले में कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े में लिप्त मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरत पंत व मलिका पंत की तरफ से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई की. वहीं, मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ ने सरकार से 24 दिसम्बर तक जवाब पेश करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 दिसम्बर को होगी.

दरअसल, शरत पंत व मलिका पंत ने जमानत याचिका दायर कर कोर्ट में कहा कि वे मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर हैं. परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था. इसके अलावा परीक्षण और डेटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया. इन अधिकारियों की मौजूदगी में परीक्षण स्टॉलों ने जो कुछ भी किया गया था, उसे इन्होंने अपनी मंजूरी दे दी. अगर कोई गलत कार्य कर रहा था तो कुंभ मेले के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे?

पढ़ें- Kumbh Covid Test Scam: AAP नेता अजय कोठियाल ने की CBI जांच की मांग

वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट इत्यादि कराए गए. 2021 को एक व्यक्ति ने सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की गयी थी कि कुंभ मेले में टेस्ट कराने वाले लैबों द्वारा उनकी आईडी व फोन नंबर का उपयोग किया है जबकि उनके द्वारा रेपिड एंटीजन टेस्ट कराने हेतु कोई रजिस्ट्रेशन व सैम्पल नही दिया गया. पूर्व में कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाय.

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कुंभ मेले में कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े में लिप्त मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरत पंत व मलिका पंत की तरफ से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई की. वहीं, मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ ने सरकार से 24 दिसम्बर तक जवाब पेश करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 दिसम्बर को होगी.

दरअसल, शरत पंत व मलिका पंत ने जमानत याचिका दायर कर कोर्ट में कहा कि वे मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर हैं. परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था. इसके अलावा परीक्षण और डेटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया. इन अधिकारियों की मौजूदगी में परीक्षण स्टॉलों ने जो कुछ भी किया गया था, उसे इन्होंने अपनी मंजूरी दे दी. अगर कोई गलत कार्य कर रहा था तो कुंभ मेले के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे?

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वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट इत्यादि कराए गए. 2021 को एक व्यक्ति ने सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की गयी थी कि कुंभ मेले में टेस्ट कराने वाले लैबों द्वारा उनकी आईडी व फोन नंबर का उपयोग किया है जबकि उनके द्वारा रेपिड एंटीजन टेस्ट कराने हेतु कोई रजिस्ट्रेशन व सैम्पल नही दिया गया. पूर्व में कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाय.

Last Updated : Dec 13, 2021, 4:48 PM IST
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