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NIT मामले में हाई कोर्ट सख्त, केंद्र सरकार से 3 माह में मांगा जवाब

कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उनके कॉलेज को बने हुए 9 साल हो गए हैं. लेकिन इन 9 सालों के बाद भी NIT श्रीनगर को स्थाई कैंपस नहीं मिला.

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Published : May 7, 2019, 9:02 PM IST

नैनीताल हाई कोर्ट


नैनीताल: श्रीनगर गढ़वाल के सुमाड़ी में NIT कैंपस के स्थाई निर्माण के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार को 3 माह के भीतर अंतिम निर्णय देने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को अस्थाई कैंपस में अध्ययनरत सभी छात्रों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं. जबकि, कोर्ट ने राज्य सरकार को इन सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के लिए IIT रुड़की के निदेशक की सहायता लेने को भी कहा है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को 30 जून तक जवाब देने को कहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी.

NIT मामले में हाई कोर्ट सख्त.
बता दें कि कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके कॉलेज को बने हुए 9 साल हो गए हैं. लेकिन इन 9 सालों के बाद भी NIT श्रीनगर को स्थाई कैंपस नहीं मिला. जिसको लेकर काफी लंबे समय से छात्र स्थाई कैंपस की मांग कर रहे हैं. मगर सरकार द्वारा उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. साथ ही जिस जगह पर छात्र पढ़ाई कर रहे हैं वह बिल्डिंग भी पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. जिसके कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

साथ ही याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि जब छात्र स्थाई कैंपस की मांग कर रहे थे. इसी दौरान हादसे में एक छात्रा की मौत हो गई. जबकि, एक छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गई. जिसका अभी भी उपचार चल रहा है. याचिकाकर्ता ने कहा कि इस छात्रा के इलाज का खर्चा राज्य सरकार और एनआईटी प्रशासन वहन करे.

वहीं, इस मामले के कोर्ट में पहुंचने के बाद सरकार ने NIT को श्रीनगर से जयपुर शिफ्ट करने का फैसला किया था. जबकि, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा NIT को उत्तराखंड से जयपुर शिफ्ट करने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी. जिसके बाद पूर्व में राज्य सरकार ने कदम पीछे खींचते हुए कोर्ट को बताया था कि NIT को श्रीनगर के कैंपस को सुमाड़ी में रहने का फैसला किया था.



नैनीताल: श्रीनगर गढ़वाल के सुमाड़ी में NIT कैंपस के स्थाई निर्माण के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार को 3 माह के भीतर अंतिम निर्णय देने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को अस्थाई कैंपस में अध्ययनरत सभी छात्रों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं. जबकि, कोर्ट ने राज्य सरकार को इन सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के लिए IIT रुड़की के निदेशक की सहायता लेने को भी कहा है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को 30 जून तक जवाब देने को कहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी.

NIT मामले में हाई कोर्ट सख्त.
बता दें कि कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके कॉलेज को बने हुए 9 साल हो गए हैं. लेकिन इन 9 सालों के बाद भी NIT श्रीनगर को स्थाई कैंपस नहीं मिला. जिसको लेकर काफी लंबे समय से छात्र स्थाई कैंपस की मांग कर रहे हैं. मगर सरकार द्वारा उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. साथ ही जिस जगह पर छात्र पढ़ाई कर रहे हैं वह बिल्डिंग भी पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. जिसके कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

साथ ही याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि जब छात्र स्थाई कैंपस की मांग कर रहे थे. इसी दौरान हादसे में एक छात्रा की मौत हो गई. जबकि, एक छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गई. जिसका अभी भी उपचार चल रहा है. याचिकाकर्ता ने कहा कि इस छात्रा के इलाज का खर्चा राज्य सरकार और एनआईटी प्रशासन वहन करे.

वहीं, इस मामले के कोर्ट में पहुंचने के बाद सरकार ने NIT को श्रीनगर से जयपुर शिफ्ट करने का फैसला किया था. जबकि, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा NIT को उत्तराखंड से जयपुर शिफ्ट करने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी. जिसके बाद पूर्व में राज्य सरकार ने कदम पीछे खींचते हुए कोर्ट को बताया था कि NIT को श्रीनगर के कैंपस को सुमाड़ी में रहने का फैसला किया था.


Intro:स्लग- इन आई टी

रिपोर्ट-गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एकर- श्रीनगर के सुमडी में एन आई टी कैम्पस के स्थाई निर्माण के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार को 3 माह के भीतर स्थाई कैम्पस के निर्माण पर अंतिम फैसला लेने के दीये आदेश,, साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को अस्थाई कैम्पस के सभी छात्रो को सुविधाएं देने के आदेश भी दिए है वही सुविधाएं देने के मामले में आई आई टी रुड़की के निर्देशक की मदद लेने के भी आदेश दिए है,,, वही कोर्ट ने राज्य सरकार को मामले में 30 जून तक जवाब पेश करने के भी दिए आदेश, मामले में अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी।





Body:आपको बता दें कि कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके कॉलेज के बने हुए 9 साल हो गए हैं लेकिन 9 सालों के बाद भी एनआईटी को स्थाई कैंपस नहीं मिला, जिस को लेकर छात्र काफी लंबे समय से स्थाई कैंपस की मांग कर रहे हैं मगर सरकार द्वारा उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया साथ ही अभी छात्र सी जगह पर हैं हैं वह बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर है और इस बिल्डिंग में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है


Conclusion:साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि कैंपस की मांग कर रहे छात्रों की प्रदर्शन के दौरान हादसे में एक छात्रा की मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल है जिसका उपचार चल रहा है लिहाजा राज्य सरकार और एनआईटी मिलकर इस छात्रा का इलाज करें,,,
मामला कोर्ट पहुचने के बाद सरकार ने एन आई टी को श्रीनगर से जयपुर सिफ्ट करने का फेसला करा था,,, वहीं केंद्र और राज्य सरकार द्वारा एनआईटी को उत्तराखंड से जयपुर शिफ्ट करने पर कोर्ट ने नाराजगी भी की थी,, जिसके बाद पुर्व मे राज्य सरकार ने कदम पीछे खींचते हुए कोर्ट को बताया था की एनआईटी को श्रीनगर के सुमड़ी में ही बनाने का फेसला करा है।


बाईट-अभिजय नेगी,अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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