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NIT मामले में हाई कोर्ट सख्त, मुख्य सचिव के बाद अब केंद्र सरकार से 3 दिन में मांगा जवाब - श्रीनगर के सुमाडी एनआईटी कैंपस

उत्तराखंड के एनआईटी मामले को लेकर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. कैंपस के स्थायी निर्माण मामले में हुई सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र से पूछा कितना समय और लगेगा.

नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : May 1, 2019, 6:30 PM IST

नैनीताल: श्रीनगर के सुमाडी एनआईटी कैंपस के स्थायी निर्माण मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से 3 दिन के अंदर जवाब पेश करने को कहा है. नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और नारायण सिंह धनीक की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कितने समय में सरकार सुमाडी में स्थायी कैंपस के निर्माण को लेकर फैसला ले लेगी. वहीं, कोर्ट ने IIT रुड़की और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं, जिसमें सुमाडी की भूमि को NIT के निर्माण के लिए अनुपयुक्त बताया गया था.

जानकारी देते याचिकाकर्ता के अधिवक्ता

पढ़ें- NIT मामले में मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस, 15 मई तक जवाब पेश करने के आदेश

दरअसल, कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. जिसमें कहा गया है कि उनके कॉलेज को बने हुए 9 साल हो गए हैं. लेकिन इन 9 सालों के बाद भी एनआईटी को स्थायी कैंपस नहीं मिला है. सरकार छात्रों की मांगों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. सालों से छात्र जर्जर बिल्डिंग में रह रहे हैं, जो हादसों को न्योता दे रही है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि कैंपस की मांग कर रहे छात्रों के प्रदर्शन के दौरान एक छात्रा की मौत हो चुकी है जबकि एक गंभीर रूप से घायल है. उन्होंने मांग की है कि घायल छात्रा का राज्य सरकार और एनआईटी मिलकर इलाज करवाए.

बता दें कि पूर्व में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिए थे कि एनआईटी के स्थायी निर्माण को लेकर मैदानी और पहाड़ी क्षेत्र में चार जगह चिन्हित कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें. जगह चिन्हित होने के बाद चारों में से एक को एनआईटी के निर्माण के लिए फाइनल किया जाएगा. लेकिन सरकार ने अब तक जगह चिन्हित कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की है

नैनीताल: श्रीनगर के सुमाडी एनआईटी कैंपस के स्थायी निर्माण मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से 3 दिन के अंदर जवाब पेश करने को कहा है. नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और नारायण सिंह धनीक की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कितने समय में सरकार सुमाडी में स्थायी कैंपस के निर्माण को लेकर फैसला ले लेगी. वहीं, कोर्ट ने IIT रुड़की और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं, जिसमें सुमाडी की भूमि को NIT के निर्माण के लिए अनुपयुक्त बताया गया था.

जानकारी देते याचिकाकर्ता के अधिवक्ता

पढ़ें- NIT मामले में मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस, 15 मई तक जवाब पेश करने के आदेश

दरअसल, कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. जिसमें कहा गया है कि उनके कॉलेज को बने हुए 9 साल हो गए हैं. लेकिन इन 9 सालों के बाद भी एनआईटी को स्थायी कैंपस नहीं मिला है. सरकार छात्रों की मांगों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. सालों से छात्र जर्जर बिल्डिंग में रह रहे हैं, जो हादसों को न्योता दे रही है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि कैंपस की मांग कर रहे छात्रों के प्रदर्शन के दौरान एक छात्रा की मौत हो चुकी है जबकि एक गंभीर रूप से घायल है. उन्होंने मांग की है कि घायल छात्रा का राज्य सरकार और एनआईटी मिलकर इलाज करवाए.

बता दें कि पूर्व में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिए थे कि एनआईटी के स्थायी निर्माण को लेकर मैदानी और पहाड़ी क्षेत्र में चार जगह चिन्हित कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें. जगह चिन्हित होने के बाद चारों में से एक को एनआईटी के निर्माण के लिए फाइनल किया जाएगा. लेकिन सरकार ने अब तक जगह चिन्हित कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की है

Intro:स्लग-जवाब केंद्र सरकार

रिपोर्ट-गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर-श्रीनगर के सुमाडी एन आई टी केम्पस के स्थाई निर्माण के मामले मे सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार से 3 दिन के अंदर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं साथ ही नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और नारायण सिंह धनीक की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कितने समय में सरकार सुमाडी में स्थाई कैंपस के निर्माण को लेकर फैसला ले लेगी, वहीं कोर्ट ने आईआईटी रुड़की और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं जिसमें सुमाडी की भूमि को एनआईटी के निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं बताया था।



Body:आपको बता दें कि कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके कॉलेज के बने हुए 9 साल हो गए हैं लेकिन 9 सालों के बाद भी एनआईटी को स्थाई कैंपस नहीं मिला जिस को लेकर छात्र काफी लंबे समय से स्थाई कैंपस की मांग कर रहे हैं मगर सरकार द्वारा उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया साथ ही अभी छात्र सी जगह पर हैं हैं वह बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर है और इस बिल्डिंग में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है


Conclusion:साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि कैंपस की मांग कर रहे छात्रों की प्रदर्शन के दौरान हादसे में एक छात्रा की मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल है जिसका उपचार चल रहा है लिहाजा राज्य सरकार और एनआईटी मिलकर इस छात्रा का इलाज करें।
वहीं हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पूर्व में सरकार को आदेश दिए थे कि एनआईटी के स्थायी निर्माण को लेकर मैदानी और पहाड़ी क्षेत्र में से चार जगह चिन्हित करें और की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें ताकि उन चारों में से एनआईटी का निर्माण किया जा सेक।


बाईट-अभिजय नेगी,अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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