नैनीतालः पंतनगर में नेशनल हाईवे, नगला और पंतनगर यूनिवर्सिटी की जमीन पर अतिक्रमण मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने नाराजगी जताई है. साथ ही मामले में डीएफओ हिमांशु को कोर्ट में पेश होने को कहा है.
कोर्ट ने साफ लहजे में कहा, 'आपकी मंशा ठीक नहीं लग रही': वहीं, नैनीताल हाईकोर्ट ने डीएफओ हिमांशु से ये भी बताने को कहा है कि जब फॉरेस्ट एक्ट में अतिक्रमण हटाने का समय 10 दिन का है तो आपने किस नियमावली के तहत अतिक्रमणकारियों को 15 दिन का समय दिया? कोर्ट ने साफ लहजे में कहा कि आपकी मंशा हमें ठीक नहीं लग रही है. ऐसा लग रहा है कि आप अतिक्रमणकारियों को बचाना चाह रहे हैं. लिहाजा, 12 अक्टूबर को हर हाल में कोर्ट में पेश हों.
हाईकोर्ट ने मामले में पीसीसीएफ को जांच करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, कोर्ट ने पंतनगर विश्वविद्यालय और नेशनल हाईवे की भूमि पर हुए अतिक्रमण पर पूछा कि इस पर क्या कार्रवाई हुई? उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें. आज सुनवाई के दौरान उधमसिंह नगर डीएम उदयराज सिंह कोर्ट में पेश हुए. जहां उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि अतिक्रमण हटाने को लेकर उन्होंने पूरी तैयारी कर ली है.
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डीएम उदयराज सिंह ने ये भी बताया कि कई जगहों से अतिक्रमण हटा दिया गया है. जहां-जहां अतिक्रमण हुआ है, उन लोगों को पीपी एक्ट (पब्लिक प्रापर्टी अधिनियम) के तहत नोटिस दिए गए हैं. मामले में याचिकाकर्ता ने प्रार्थना पत्र देकर कहा कि साल 2021 में कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन एक बार अतिक्रमण हटने के बाद फिर से अतिक्रमण किया जा रहा है. प्रशासन की ओर से उन्हें नहीं हटाया जा रहा है.
बता दें कि हल्द्वानी निवासी अमित पांडे ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि उधमसिंह नगर जिले के पंतनगर, नगला, नेशनल हाईवे और पंतनगर यूनिवर्सिटी समेत वन विभाग की सरकारी भूमि पर बीते कई सालों से अतिक्रमण हो रहा है. इतना ही नहीं अतिक्रमण कर अवैध रूप से निर्माण भी कर लिया गया है, जिसे हटाया जाए.