नैनीतालः सितारगंज नगर पालिका अध्यक्ष हरीश दुबे को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मामले में न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. साथ ही याचिका भी निस्तारित कर दी है. जिसके बाद पालिकाध्यक्ष हरीश दुबे ने राहत की सांस ली है.
बता दें कि उधमसिंह नगर जिले की सितारगंज नगर पालिका अध्यक्ष हरीश दुबे ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिसमें उनकी ओर से कहा गया था कि नगर पालिका के सफाई सुपरवाइजर ने राजनीतिक दुर्भावना को रखते हुए उनके खिलाफ एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया. दरअसल, उन्होंने दो साल पहले सफाई सुपरवाइजर राजपाल वाल्मीकि के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच के आदेश दिए थे. उसको आधार मानकर उन्होंने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया था.
ये भी पढ़ेंः दून विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता मामले में सुनवाई, HC ने मांगी डिटेल रिपोर्ट
वहीं, एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज होने पर पालिका अध्यक्ष हरीश दुबे पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी. ऐसे में वो हाईकोर्ट की शरण में जा पहुंचे. जहां हाईकोर्ट ने हरीश दुबे की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. साथ ही उनकी गिरफ्तारी से जुड़ी याचिका को भी निस्तारित कर दिया है.
एससी एसटी केस को जानिएः दरअसल, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग सामाजिक भेदभाव एवं अत्याचार का शिकार होते आए हैं. उन्हें डराने, अपमानित करने से लेकर प्रताड़ित किया जाता रहा है. ऐसे में उन पर अत्याचारों को रोकने के लिए एससी एसटी कानून लाया गया था. इस कानून का मकसद हाशिए पर आए इन लोगों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें जाति आधारित भेदभाव, उत्पीड़न के साथ हिंसा से बचाना है.