नैनीताल: उत्तराखंड के प्राइमरी और उच्च माध्यमिक स्कूलों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 3500 शिक्षकों की नियुक्ति के मामले पर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रदेश के सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की विस्तृत जांच कर एक रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिये हैं.
आपको बता दें कि स्टूडेंट वेलफेयर सोसाइटी हल्द्वानी के द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य में प्राइमरी और उच्च माध्यमिक स्कूलों में करीब 3500 अध्यापकों की नियुक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की गई है. जिसमें कुछ अध्यापकों की एसआईटी जांच की गई और कई अध्यापक फर्जी निकले परंतु विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण फर्जी अध्यापकों को क्लीन चिट दे दी गई और ये सभी अध्यापक प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत हैं. लिहाजा, विभाग के इस मामले की पुनः जांच एसआईटी से करवाई जाए.
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वहीं, इस मामले में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट में शपथ पत्र पेश कर बताया गया कि फर्जी शिक्षकों के मामले में एसआईटी जांच चल रही है और अब तक करीब 84 अध्यापकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं. जिनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है. अब इस मामले में राज्य सरकार को प्रदेश के सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट तीन सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करनी है.