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रोडवेज कर्मचारियों को वेतन न देने पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगा जवाब

कोरोना काल में रोडवेज कर्मचारियों को वेतन न देने पर हाईकोर्ट सख्त ने सख्ती दिखाते हुए रोडवेड एमडी को 22 जून को हाईकोर्ट में पेश होकर जवाब देने के आदेश दिए हैं. वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार से भी मामले पर जवाब मांगा है.

कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
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Published : Jun 16, 2021, 7:37 PM IST

नैनीताल: कोरोना काल के दौरान भी उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारियों को वेतन न देने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए रोडवेज एमडी को 22 जून को हाईकोर्ट में पेश होकर जवाब देने के आदेश दिए हैं. वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार से भी मामले पर जवाब मांगा है.

आपको बता दें कि उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संघ ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि रोडवेज कर्मचारियों को सरकार द्वारा लंबे समय से वेतन नहीं दिया गया है. जब कर्मचारी प्रदर्शन करने की चेतावनी दे रहे हैं तो सरकार उन पर एस्मा लगाने जा रही है, जो नियमानुसार गलत है. क्योंकि सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है.

सरकार परिवहन निगम के संविदा कर्मचारियों को न तो नियमित कर रही हैं और ना ही नियमित वेतन दे रही है. इतना ही नहीं रोडवेज कर्मचारियों को विभाग द्वारा ओवर टाइम भी नहीं दिया गया है. रिटायर्ड कर्मचारियों के देय का भुगतान भी सरकार द्वारा नहीं किया गया है. हाईकोर्ट पहुंचे कर्मचारी यूनियन का कहना था कि वेतन और अन्य भत्तों की मांग को लेकर सरकार के साथ उनका कई बार समझौता हो चुका है. लेकिन सरकार द्वारा उनको वेतन और अन्य भत्ते नहीं दिए जा रहे हैं. इन्हीं मांगों को लेकर अब कर्मचारी हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी तो सरकार उनके खिलाफ एस्मा लगाने की तैयारी कर रही है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली-देहरादून हाईवे चौड़ीकरण में पेड़ काटने का मामला, HC ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब

याचिका में कहा गया है कि सरकार को निगम को करीब 78 करोड़ से अधिक देने हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा भी उत्तराखंड परिवहन निगम को परिसंपत्तियों का 27 करोड़ का भुगतान करना हैं. याचिका में कहा गया था कि बजट के अभाव में परिवहन निगम ना तो नई बस खरीद पा रहा है और ना ही बसों में यात्रियों की सुविधाओं के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर सीसीटीवी कैमरे समेत अन्य सुविधाएं दे पा रहा है.

आज रोडवेज कर्मचारी एसोसिएशन द्वारा हाईकोर्ट में पुनः प्रार्थना पत्र देकर बताया गया कि रोडवेज कर्मचारियों को सरकार द्वारा कोरोना काल में भी वेतन नहीं दिया गया और ना ही रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन और अन्य देयो का भुगतान किया गया है, जिसके चलते कर्मचारियों को आर्थिक तंगी से गुजर ना पड़ रहा है. मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए. वहीं, अगली सुनवाई के दौरान रोडवेज एमडी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल: कोरोना काल के दौरान भी उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारियों को वेतन न देने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए रोडवेज एमडी को 22 जून को हाईकोर्ट में पेश होकर जवाब देने के आदेश दिए हैं. वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार से भी मामले पर जवाब मांगा है.

आपको बता दें कि उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संघ ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि रोडवेज कर्मचारियों को सरकार द्वारा लंबे समय से वेतन नहीं दिया गया है. जब कर्मचारी प्रदर्शन करने की चेतावनी दे रहे हैं तो सरकार उन पर एस्मा लगाने जा रही है, जो नियमानुसार गलत है. क्योंकि सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है.

सरकार परिवहन निगम के संविदा कर्मचारियों को न तो नियमित कर रही हैं और ना ही नियमित वेतन दे रही है. इतना ही नहीं रोडवेज कर्मचारियों को विभाग द्वारा ओवर टाइम भी नहीं दिया गया है. रिटायर्ड कर्मचारियों के देय का भुगतान भी सरकार द्वारा नहीं किया गया है. हाईकोर्ट पहुंचे कर्मचारी यूनियन का कहना था कि वेतन और अन्य भत्तों की मांग को लेकर सरकार के साथ उनका कई बार समझौता हो चुका है. लेकिन सरकार द्वारा उनको वेतन और अन्य भत्ते नहीं दिए जा रहे हैं. इन्हीं मांगों को लेकर अब कर्मचारी हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी तो सरकार उनके खिलाफ एस्मा लगाने की तैयारी कर रही है.

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याचिका में कहा गया है कि सरकार को निगम को करीब 78 करोड़ से अधिक देने हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा भी उत्तराखंड परिवहन निगम को परिसंपत्तियों का 27 करोड़ का भुगतान करना हैं. याचिका में कहा गया था कि बजट के अभाव में परिवहन निगम ना तो नई बस खरीद पा रहा है और ना ही बसों में यात्रियों की सुविधाओं के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर सीसीटीवी कैमरे समेत अन्य सुविधाएं दे पा रहा है.

आज रोडवेज कर्मचारी एसोसिएशन द्वारा हाईकोर्ट में पुनः प्रार्थना पत्र देकर बताया गया कि रोडवेज कर्मचारियों को सरकार द्वारा कोरोना काल में भी वेतन नहीं दिया गया और ना ही रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन और अन्य देयो का भुगतान किया गया है, जिसके चलते कर्मचारियों को आर्थिक तंगी से गुजर ना पड़ रहा है. मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए. वहीं, अगली सुनवाई के दौरान रोडवेज एमडी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं.

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