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गंगा में खनन का मामला, मातृ सदन की याचिका पर HC ने सरकार से मांगा जवाब

हरिद्वार में गंगा नदी में हो रहे खनन पर नैनीताल हाईकोर्ट ने 16 मार्च तक सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले में मातृ सदन ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Mar 8, 2022, 7:03 PM IST

नैनीताल: हरिद्वार में गंगा नदी में हो रहे खनन को लेकर मातृ सदन ने जो जनहित याचिका दायर की थी, उस पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने सरकार से 16 मार्च तक जवाब पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई के लिए 16 मार्च की तिथि नियत की है.

मामले के अनुसार हरिद्वार मातृ सदन ने जनहित याचिका दायर कहा था कि हरिद्वार गंगा नदी में नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से खनन किया जा रहा है, जिससे गंगा नदी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है. गंगा नदी में खनन करने वाले नेशनल मिशन क्लीन गंगा को पलीता लगा रहे हैं.
पढ़ें- नैनीताल HC धर्म संसद हेट स्पीट मामले की सुनवाई, आरोपी वसीम रिजवी की जमानत याचिका खारिज

जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि गंगा नदी में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाई जाए, ताकि गंगा नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके. वहीं अब खनन कुंभ क्षेत्र में भी किया जा रहा है. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार ने गंगा नदी को बचाने के लिए एनएमसी बोर्ड गठित किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य गंगा को साफ करना और उसके अस्तित्व को बचाए रखना है.

एनएमसी की ओर से राज्य सरकार को बार-बार आदेश दिए गए कि यहां खनन कार्य नहीं किया जाए. बावजूद इसके सरकार यहां खनन करवा रही है. यूएन ने भी भारत सरकार को निर्देश दिए थे कि गंगा को बचाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा रहे. उसके बाद भी सरकार द्वारा गंगा के अस्तित्व को समाप्त किया जा रहा है.

नैनीताल: हरिद्वार में गंगा नदी में हो रहे खनन को लेकर मातृ सदन ने जो जनहित याचिका दायर की थी, उस पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने सरकार से 16 मार्च तक जवाब पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई के लिए 16 मार्च की तिथि नियत की है.

मामले के अनुसार हरिद्वार मातृ सदन ने जनहित याचिका दायर कहा था कि हरिद्वार गंगा नदी में नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से खनन किया जा रहा है, जिससे गंगा नदी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है. गंगा नदी में खनन करने वाले नेशनल मिशन क्लीन गंगा को पलीता लगा रहे हैं.
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जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि गंगा नदी में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाई जाए, ताकि गंगा नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके. वहीं अब खनन कुंभ क्षेत्र में भी किया जा रहा है. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार ने गंगा नदी को बचाने के लिए एनएमसी बोर्ड गठित किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य गंगा को साफ करना और उसके अस्तित्व को बचाए रखना है.

एनएमसी की ओर से राज्य सरकार को बार-बार आदेश दिए गए कि यहां खनन कार्य नहीं किया जाए. बावजूद इसके सरकार यहां खनन करवा रही है. यूएन ने भी भारत सरकार को निर्देश दिए थे कि गंगा को बचाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा रहे. उसके बाद भी सरकार द्वारा गंगा के अस्तित्व को समाप्त किया जा रहा है.

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