नैनीताल: उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में हो रही लापरवाही पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. मामले को लेकर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए एसआईटी को जमकर फटकार लगाई है. साथ ही एसआईटी को एक बार फिर से अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में 16 दिसंबर तक पेश करने के आदेश दिए हैं.
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बता दें कि बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान एसआईटी के दोनों जांच अधिकारी मंजूनाथ टीसी और संजय गुंज्याल ने देहरादून, उधम सिंह नगर और नैनीताल में हुए घोटालों की अपनी जांच के विस्तृत रिपोर्ट मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में पेश किए थे. वहीं देहरादून के बड़े और नामी कॉलेजों में अब तक एसआईटी द्वारा कार्रवाई नहीं करने के मामले पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है और एसआईटी से एक बार फिर घोटाले की जांच मामले में विस्तृत जवाब शपथ पत्र के साथ पेश करने को कहा है.
वहीं, देहरादून निवासी राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 2003 से अब तक अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया गया है. जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग द्वारा करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है. जबकि 2017 में इसकी जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा एसआईटी गठित की गई थी और 3 माह में जांच पूरी करने को कहा था. बावजूद इसके आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी है. साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले में सीबीआई जांच की जानी चाहिए.