नैनीताल: ऋषिकेश में गुरुद्वारे के सेवादार द्वारा नेपाली मूल की महिला की बेटियों के साथ रेप के बाद हत्या के मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर दिया है. जिसके चलते किसी भी समय आरोपी पर नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ का फैसला आ सकता है.
आपको बता दें कि बीते साल ऋषिकेश में एक गुरुद्वारे के सेवादार सरदार परमानंद सिंह ने नेपाली मूल की महिला की 3 और 5 वर्षिय दो बच्चियों के साथ रेप करने बाद हत्या कर दी थी. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रेप और हत्या के मामले में सेवादार को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद मेडिकल जांच के दौरान आरोपी परमानंद के बाल और डीएनए भी मैच हो गए थे. जिसके बाद मामले में सुनवाई करते हुए देहरादून की पोक्सो कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई थी.
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प्रावधान है कि निचली अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाने के बाद स्वीकृति के लिए हाईकोर्ट की खंडपीठ के लिए भेजा जाता है. इसी आधार पर आरोपी को फांसी की सजा देने के बाद सजा की स्वीकृति के लिए केस नैनीताल हाईकोर्ट भेजा गया. जिसके बाद नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश आलोक सिंह और न्यायाधीश रविंद्र मैथानी की खंडपीठ ने मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण वशिष्ठ को न्याय मित्र नियुक्त किया और उनसे मामले की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा था. इसी क्रम में मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर दिया है. अब किसी भी समय मामले को लेकर हाईकोर्ट की खंडपीठ का फैसला आ सकता है.