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नैनीताल: नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

ऋषिकेश में नाबालिग बच्चियों से रेप के बाद हत्या के मामले को हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा है. जिसके चलते किसी भी समय आरोपी की सजा को लेकर फैसला आ सकता है.

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Published : Oct 1, 2019, 7:54 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 8:30 PM IST

ऋषिकेश में नाबालिक बच्चीयों से रेप के बाद हत्या के मामले को हाई कोर्ट ने किया सुरक्षित.

नैनीताल: ऋषिकेश में गुरुद्वारे के सेवादार द्वारा नेपाली मूल की महिला की बेटियों के साथ रेप के बाद हत्या के मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर दिया है. जिसके चलते किसी भी समय आरोपी पर नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ का फैसला आ सकता है.

हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला.

आपको बता दें कि बीते साल ऋषिकेश में एक गुरुद्वारे के सेवादार सरदार परमानंद सिंह ने नेपाली मूल की महिला की 3 और 5 वर्षिय दो बच्चियों के साथ रेप करने बाद हत्या कर दी थी. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रेप और हत्या के मामले में सेवादार को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद मेडिकल जांच के दौरान आरोपी परमानंद के बाल और डीएनए भी मैच हो गए थे. जिसके बाद मामले में सुनवाई करते हुए देहरादून की पोक्सो कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई थी.

ये भी पढ़े: ज्यादा रुपये कमाने के लालच में महिला ने गंवाए 5 लाख रुपये, अब आरोपियों को तलाश रही पुलिस

प्रावधान है कि निचली अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाने के बाद स्वीकृति के लिए हाईकोर्ट की खंडपीठ के लिए भेजा जाता है. इसी आधार पर आरोपी को फांसी की सजा देने के बाद सजा की स्वीकृति के लिए केस नैनीताल हाईकोर्ट भेजा गया. जिसके बाद नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश आलोक सिंह और न्यायाधीश रविंद्र मैथानी की खंडपीठ ने मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण वशिष्ठ को न्याय मित्र नियुक्त किया और उनसे मामले की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा था. इसी क्रम में मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर दिया है. अब किसी भी समय मामले को लेकर हाईकोर्ट की खंडपीठ का फैसला आ सकता है.

नैनीताल: ऋषिकेश में गुरुद्वारे के सेवादार द्वारा नेपाली मूल की महिला की बेटियों के साथ रेप के बाद हत्या के मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर दिया है. जिसके चलते किसी भी समय आरोपी पर नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ का फैसला आ सकता है.

हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला.

आपको बता दें कि बीते साल ऋषिकेश में एक गुरुद्वारे के सेवादार सरदार परमानंद सिंह ने नेपाली मूल की महिला की 3 और 5 वर्षिय दो बच्चियों के साथ रेप करने बाद हत्या कर दी थी. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रेप और हत्या के मामले में सेवादार को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद मेडिकल जांच के दौरान आरोपी परमानंद के बाल और डीएनए भी मैच हो गए थे. जिसके बाद मामले में सुनवाई करते हुए देहरादून की पोक्सो कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई थी.

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प्रावधान है कि निचली अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाने के बाद स्वीकृति के लिए हाईकोर्ट की खंडपीठ के लिए भेजा जाता है. इसी आधार पर आरोपी को फांसी की सजा देने के बाद सजा की स्वीकृति के लिए केस नैनीताल हाईकोर्ट भेजा गया. जिसके बाद नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश आलोक सिंह और न्यायाधीश रविंद्र मैथानी की खंडपीठ ने मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण वशिष्ठ को न्याय मित्र नियुक्त किया और उनसे मामले की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा था. इसी क्रम में मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर दिया है. अब किसी भी समय मामले को लेकर हाईकोर्ट की खंडपीठ का फैसला आ सकता है.

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ऋषिकेश में छात्राओं की हत्या और रेप के मामले में हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित।

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ऋषिकेश में गुरुद्वारे के सेवादार द्वारा नेपाली मूल की महिला की बेटी के साथ रेप के बाद हत्या के मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर दिया है अब कभी भी हत्या और रेप के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ से फैसला आ सकता है।


Body:आपको बता दें कि बीते साल ऋषिकेश में एक गुरुद्वारे के सेवादार सरदार परमानंद सिंह ने नेपाली मूल की महिला की दो नाबालिक 3 और 5 साल बच्चियों के साथ रेप के बाद हत्या कर दी थी जिसके बाद पुलिस ने रेप और हत्या के मामले में सेवादार को गिरफ्तार किया था, जांच के दौरान आरोपी परमानंद के बाल और डीएनए भी मैच हो गए जिसके बाद हत्या और रेप के मामले में सुनवाई करते हुए देहरादून की पोक्सो कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई थी।
प्रावधान है कि निचली अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाने के बाद उसको स्वीकृति के लिए हाईकोर्ट की खंडपीठ के लिए भेजा जाता है और इसी आधार पर आरोपी को फांसी की सजा देने के बाद सजा की स्वीकृति के लिए नैनीताल हाईकोर्ट भेजा गया, जिसके बाद नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश आलोक सिंह और न्यायाधीश रविंद्र मैथानी की खंडपीठ ने मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण वशिष्ठ को न्याय मित्र नियुक्त किया और उनसे मामले में रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा था।


Conclusion:जिसके बाद अरविंद वशिष्ठ ने मामले में अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की और आज मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के न्यायाधीश आलोक सिंह और न्यायाधीश रविंद्र मैथानी की खंडपीठ ने रेप के बाद हत्या के मामले में फैसला सुरक्षित रख दिया है।

बाईट- अरविंद वसिष्ठ, न्याय मित्र नैनीताल हाई कोर्ट
Last Updated : Oct 1, 2019, 8:30 PM IST
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