नैनीताल: कोटद्वार किरन सिंह हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे तीन आरोपियों को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पौड़ी की ओर से सुनाई गई आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा को सही ठहराया है. साथ ही इस सजा को चुनौती देती अपील को खारिज कर दिया है. याचिका की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में हुई.
क्या था मामला? दरअसल, पूरा मामला 20 जून 2013 का है. जब कोटद्वार में किरन सिंह की अनूप चंद, सुरेश चंद और मनोज ने ईंट, पत्थर, हथौड़ा व लाठी डंडों से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. जिसकी रिपोर्ट मृतक किरन सिंह के पिता कुंवर सिंह ने कोटद्वार थाने में दर्ज कराई थी. इन आरोपियों को निचली अदालत यानी ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पौड़ी ने आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपए की अर्थदंड की सजा सुनाई थी. जिसे आरोपियों ने नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी.
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वहीं, नैनीताल हाईकोर्ट में मामले में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने ट्रायल कोर्ट की ओर से पारित विस्तृत और तर्कसंगत फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई उचित आधार नहीं पाया है. निचली अदालत की ओर से दर्ज किए गए निष्कर्ष उसके सामने पेश किए गए सबूतों पर आधारित है, उनमें कोई अवैधता या त्रुटि नहीं पाई गई है.
उधर, नैनीताल हाईकोर्ट ने अपीलकर्ताओं की दायर अपील को योग्यता से रहित मानते हुए खारिज कर दिया है. साथ ही निचली अदालत के आदेश की पुष्टि की है. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की जमानत रद्द करते हुए उन्हें तत्काल आत्मसमर्पण करने को भी कहा है.