नैनीतालः ऋषि गंगा और तपोवन जल विद्युत परियोजना पर रोक लगाने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने बुधवार को सुनवाई की. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ऋषि गंगा व तपोवन जल विद्युत प्रोजेक्ट के कार्य पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. साथ ही याचिकाकर्ताओं पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया.
बता दें कि चमोली के रैणी गांव के स्थानीय निवासी संग्राम सिंह समेत अन्य ग्रामीणों ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि सरकार के द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से उत्तराखंड के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है. इससे पर्यावरण व जंगलों पर बुरा असर पड़ रहा है. इस कारण पहाड़ों में लगातार आपदा की स्थिति बन रही है. लिहाजा पहाड़ों पर स्थापित की जा रही ऋषि गंगा व तपोवन जल विद्युत परियोजना पर रोक लगाई जाए. साथ ही आपदा से क्षतिग्रस्त हुए रैणी गांव को पुनर्स्थापित किया जाए.
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वहीं, नेशनल हाइड्रो प्रोजेक्ट के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि उत्तराखंड में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट स्थापित करने से पहले पर्यावरण समेत सभी नियमों का पालन किया गया है. प्रोजेक्ट से किसी भी प्रकार का वातावरण पर कोई बुरा असर नहीं पड़ रहा है.
मामले को गंभीरता से लेने के बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं की जनहित याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता संग्राम सिंह, सोहन सिंह, भवान राणा, अतुल सती, कमल रतूड़ी पर 10-10 का जुर्माना लगाया है. साथ ही जुर्माने की राशि अधिवक्ता कल्याण कोष में जमा करने के आदेश भी दिए हैं.