नैनीताल: हरिद्वार जेल में सजायाफ्ता कैदी प्रवीण वाल्मीकि द्वारा जेल से ही गिरोह बनाकर रंगदारी एवं जानमाल की धमकी दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने अपराधी प्रवीण वाल्मीकि को उत्तराखंड की जेल से दूसरे राज्य की जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.
मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी राजपाल सिंह ने अपनी सुरक्षा को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया है कि रंगदारी मांगने सहित अन्य संगीन अपराधों में जेल में बंद प्रवीण वाल्मीकि ने अपने गुर्गों के जरिए उनसे पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी है. आरोप है कि फिरौती नहीं देने पर उसे जाने से मारने की धमकी दी गई है.
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राजपाल सिंह ने याचिका में कोर्ट से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है. कोर्ट ने इसे बेहद गंभीर मामला माना हैं. सुनवाई पर सरकार की ओर से प्रस्ताव दिया कि प्रवीण वाल्मीकि को राज्य की अन्य जेल में शिफ्ट किया जा सकता है, तो इस पर कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए इसे उत्तराखंड से दूसरे राज्य की जेल में शिफ्ट करने के आदेश पारित किए. कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया.
बता दें कि रुड़की का रहने वाला प्रवीण वाल्मीकि कभी कुख्यात सुनील राठी का गिरोह का सदस्य रहा है. करीब 9 साल पहले वो सुनील राठी गैंग से अलग हो गया था और अपना गिरोह बनाकर रंगदारी के धंधे में उतर गया था. प्रवीण वाल्मीकि पर जेल में ही बैठे-बैठे कई कारोबारियों से मोबाइल पर रंगदारी मांगने का आरोप है.