नैनीताल: उत्तराखंड के प्राइमरी और उच्च माध्यमिक स्कूलों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 3500 शिक्षकों की नियुक्ति के मामले पर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि प्रदेश के सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट 5 नवंबर तक कोर्ट में पेश करें.
इस मामले में पहले भी सरकार ने कोर्ट में एक शपत पत्र पेश किया था, जिसमें सरकार ने कहा था कि फर्जी शिक्षकों के मामले में एसआईटी जांच चल रही है. अब तक करीब 84 अध्यापकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं. जिनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है. तब कोर्ट ने तीन सप्ताह के भीतर राज्य सरकार को जांच की विस्तृत रिपोर्ट शपत पत्र के साथ पेश करने का आदेश दिए था. लेकिन अभी तक इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया, जिस पर कोर्ट ने अपनी नाराजगी जताई है. मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को 5 नवंबर तक शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
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दरअसल, स्टूडेंट वेलफेयर सोसाइटी हल्द्वानी ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में प्राइमरी और उच्च माध्यमिक स्कूलों में करीब 3500 अध्यापकों की नियुक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की गई है. एसआईटी जांच में कुछ अध्यापकों की डिग्री फर्जी भी निकली है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से उन्हें क्लीन चिट दे दी गई. ये सभी फर्जी अध्यापक प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत हैं. लिहाजा विभाग के इस मामले की दोबारा एसआईटी जांच करवाई जाए.