नैनीतालः रुड़की के पिरान कलियर और किलकिली दरगाह में इमाम की ओर से दान पात्रों का ठेका नहीं कराने एवं रोजाना दुकानों को अपने चेहतों के दिए जाने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सचिव वक्फ बोर्ड को याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन को 30 दिन के भीतर विधि अनुसार निस्तारित करने के निर्देश दिए. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आदेश की प्रति व अपनी सभी शिकायतें एक प्रत्यावेदन बनाकर दस दिन के भीतर सचिव वक्फ बोर्ड देहरादून को दें.
बता दें कि रुड़की निवासी इकराम अली ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि इमाम शरीफ अहमद की ओर से पिरान कलियर और किलकिली दरगाह का पिछले पांच सालों से दान पात्रों का टेंडर नहीं किया है. जिसके कारण वक्फ बोर्ड को बहुत हानि हुई है. इमाम की ओर से दानपात्रों के चढ़ावे को अपने लोगों को दिया जा रहा है और यहां लगने वाली दुकानों को भी अपने ही रिश्तेदारों को प्रतिदिन के हिसाब से दिया जा रहा है.
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याचिका में बताया गया है कि इमाम की ओर से पिछले पांच साल के आय-व्यय का हिसाब भी नहीं दिया जा रहा है. इससे पहले वक्फ बोर्ड से इसके लिए टेंडर निकाला जाता था. याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि दानपात्रों, चढ़ने वाले चढ़ावे व प्रसाद के लिए टेंडर निकाला जाए और इमाम से पिछले पांच साल के आय व्यय का ब्यौरा मांगा जाए. वहीं, मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायाधीश आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने जनहित याचिका अंतिम रूप से निस्तारित कर दी है.