नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने आज मंगलौर से बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी (BSP MLA Sarvat Karim Ansari) के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका (petition challenging the election of BSP candidate) पर सुनवाई की. ऐसे में इस मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को 19 नवंबर तक इस मामले में आपत्ति पेश करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी.
गौर हो कि याचिकाकर्ता की ओर से याचिका में कहा गया कि जन प्रतिनिधि अधिनियम के तहत इनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की पुष्टि हो चुकी है. इसलिए उनके चुनाव याचिका को स्वीकार किया जाय. जिस पर कोर्ट ने उनसे जवाब पेश करने को कहा है. मंगलौर से चुनाव में कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन (Qazi Mohammad Nizamuddin) ने उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका दायर कर कहा है कि वर्तमान विधायक सरवत करीम अंसारी द्वारा विधानसभा 2022 के चुनाव में उनके द्वारा नामांकन के दौरान जो शपथ पत्र पेश किया गया, उसमें उन्होंने कई तथ्य छुपाने के साथ ही अपनी संपत्तियों का सही ब्यौरा पेश नहीं किया है.
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ऐसे में उन्होंने शपथ पत्र में अपनी एवं अपनी पत्नी की आय गलत दर्शायी है. वहीं, इनकम टैक्स का विवरण भी सही नहीं दिया गया है. बसपा प्रत्याशी द्वारा शैक्षणिक प्रमाण पत्र भी गलत पेश किये गये हैं और अपनी संपत्ति का ब्योरा भी गलत दिया गया है. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि सरवत अंसारी द्वारा सोशल मीडिया पर झूठ फैलाकर लोगों को गुमराह किया गया. इसलिए उनके चुनाव को निरस्त किया जाय. लिहाजा, आज कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को 19 नवंबर तक आपत्ति पेश करने को कहा गया है.