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अनुपमा गुलाटी हत्याकांड: दोषी राजेश गुलाटी की जमानत याचिका पर HC में सुनवाई, कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा - अनुपमा गुलाटी हत्याकांड 2012

नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड के मामले में दोषी राजेश गुलाटी की जमानत याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

Nainital Crime News
नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Sep 14, 2020, 10:16 PM IST

नैनीताल: देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड के मामले में आज नैनीताल हाईकोर्ट ने दोषी राजेश गुलाटी की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई की. जिसमें हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र पर आपत्ति पेश करते हुए जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

क्या है अनुपमा गुलाटी हत्याकांड

बता दें, 17 अक्टूबर 2010 को राजेश गुलाटी ने ही अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या कर दी थी. फिर उसके शव को 72 टुकड़े कर फ्रीज में डाल दिया था. 12 दिसंबर 2010 को अनुपमा के भाई दिल्ली से देहरादून पहुंचे तो हत्या का खुलासा हुआ.

पढ़ें- पिथौरागढ़: बीजेपी जिला उपाध्यक्ष पर रंगदारी मांगने का आरोप, ऑडियो वायरल

मामले में 1 सितंबर 2017 को निचली अदालत ने राजेश गुलाटी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 15 लाख का जुर्माना भी लगाया था. कोर्ट ने कहा था कि अर्थदंड से 70 हजार राजकीय कोष में जमा करने व शेष राशि बच्चों के बालिग होने तक बैंक में जमा करने का आदेश दिया थे. कोर्ट ने भी इस हत्याकांड को जघन्य अपराध की श्रेणी में माना था. इस आदेश को राजेश गुलाटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. साथ ही अपनी रिहाई को लेकर जमानत याचिका भी दायर की है.

नैनीताल: देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड के मामले में आज नैनीताल हाईकोर्ट ने दोषी राजेश गुलाटी की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई की. जिसमें हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र पर आपत्ति पेश करते हुए जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

क्या है अनुपमा गुलाटी हत्याकांड

बता दें, 17 अक्टूबर 2010 को राजेश गुलाटी ने ही अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या कर दी थी. फिर उसके शव को 72 टुकड़े कर फ्रीज में डाल दिया था. 12 दिसंबर 2010 को अनुपमा के भाई दिल्ली से देहरादून पहुंचे तो हत्या का खुलासा हुआ.

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मामले में 1 सितंबर 2017 को निचली अदालत ने राजेश गुलाटी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 15 लाख का जुर्माना भी लगाया था. कोर्ट ने कहा था कि अर्थदंड से 70 हजार राजकीय कोष में जमा करने व शेष राशि बच्चों के बालिग होने तक बैंक में जमा करने का आदेश दिया थे. कोर्ट ने भी इस हत्याकांड को जघन्य अपराध की श्रेणी में माना था. इस आदेश को राजेश गुलाटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. साथ ही अपनी रिहाई को लेकर जमानत याचिका भी दायर की है.

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