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जूनियर अधिवक्ताओं के स्टाइपेंड मामले में 28 सितंबर को होगी सुनवाई, अधिवक्ता वेलफेयर फंड की भी मांग

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Published : Jul 13, 2023, 5:46 PM IST

उत्तराखंड में जूनियर अधिवक्ताओं के स्टाइपेंड मामले पर 28 सितंबर को सुनवाई होगी. इसके अलावा अधिवक्ता वेलफेयर फंड की व्यवस्था करने की मांग भी की गई है. ताकि, जिससे जूनियर अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता मिल सके.

Nainital High Court Heard on Junior Advocates Stipend
नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई

नैनीतालः उत्तराखंड के जूनियर अधिवक्ताओं को स्टाइपेंड दिलाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने 28 सितंबर की तिथि नियत की है.

दरअसल, आज नवनिर्वाचित हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नैनीताल के अध्यक्ष डीसीएस रावत और शक्ति प्रताप सिंह ने मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में मामले को जल्द सुनवाई के लिए मेंशन किया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि जूनियर अधिवक्ताओं के स्टाइपेंड को लेकर इससे पहले जनहित याचिका दायर हुई थी. जिसमें बार काउंसिल का जवाब आ गया है, लेकिन उसमें सुनवाई की तारीख तय नहीं है. जिस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 28 सितंबर की तिथि नियत की है.

गौर हो कि पूर्व महासचिव अधिवक्ता कमलेश तिवारी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि वे जूनियर अधिवक्ता जिनकी वकालत 5 साल से कम है, उन्हें स्टाइपेंड दिलाया जाए. क्योंकि, वकालत के शुरुआती दौर में जूनियर अधिवक्ताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसलिए उनके लिए स्टाइपेंड की व्यवस्था की जाए.
ये भी पढ़ेंः HC के आदेश का पालन न करना पड़ा भारी, काशीपुर एसडीएम पर लगा 25 हजार रुपए का जुर्माना

याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश अधिवक्ता वेलफेयर एक्ट में यह प्रावधान है कि जिन अधिवक्ताओं की वकालत 5 साल से कम हैं, उन्हें स्टाइपेंड देने का प्रावधान है और कई राज्यों ने अधिवक्ताओं के लिए वेलफेयर फंड की व्यवस्था की है. जिनमें केरल और पुडुचेरी मुख्य हैं.

अधिवक्ता वेलफेयर फंड की व्यवस्था की मांगः वहीं, याचिका में ये भी कहा गया कि राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि अधिवक्ताओं के लिए अधिवक्ता वेलफेयर फंड की व्यवस्था की जाए. जिससे जूनियर अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता मिल सके.

नैनीतालः उत्तराखंड के जूनियर अधिवक्ताओं को स्टाइपेंड दिलाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने 28 सितंबर की तिथि नियत की है.

दरअसल, आज नवनिर्वाचित हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नैनीताल के अध्यक्ष डीसीएस रावत और शक्ति प्रताप सिंह ने मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में मामले को जल्द सुनवाई के लिए मेंशन किया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि जूनियर अधिवक्ताओं के स्टाइपेंड को लेकर इससे पहले जनहित याचिका दायर हुई थी. जिसमें बार काउंसिल का जवाब आ गया है, लेकिन उसमें सुनवाई की तारीख तय नहीं है. जिस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 28 सितंबर की तिथि नियत की है.

गौर हो कि पूर्व महासचिव अधिवक्ता कमलेश तिवारी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि वे जूनियर अधिवक्ता जिनकी वकालत 5 साल से कम है, उन्हें स्टाइपेंड दिलाया जाए. क्योंकि, वकालत के शुरुआती दौर में जूनियर अधिवक्ताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसलिए उनके लिए स्टाइपेंड की व्यवस्था की जाए.
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याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश अधिवक्ता वेलफेयर एक्ट में यह प्रावधान है कि जिन अधिवक्ताओं की वकालत 5 साल से कम हैं, उन्हें स्टाइपेंड देने का प्रावधान है और कई राज्यों ने अधिवक्ताओं के लिए वेलफेयर फंड की व्यवस्था की है. जिनमें केरल और पुडुचेरी मुख्य हैं.

अधिवक्ता वेलफेयर फंड की व्यवस्था की मांगः वहीं, याचिका में ये भी कहा गया कि राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि अधिवक्ताओं के लिए अधिवक्ता वेलफेयर फंड की व्यवस्था की जाए. जिससे जूनियर अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता मिल सके.

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