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अतिक्रमणकारियों के प्रत्यावेदनों पर HC में सुनवाई, संबंधित विभाग को पारित करना होगा निर्णय

Uttarakhand Encroachment Action का मामला नैनीताल हाईकोर्ट में है. आज हाईकोर्ट में अतिक्रमणकारियों के प्रत्यावेदनों पर सुनवाई हुई. मामले में कोर्ट ने संबंधित विभाग को सुनवाई कर निर्णय पारित करने को कहा.

Nainital High Court Heard on Complaints
नैनीताल हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 5, 2023, 6:38 PM IST

नैनीतालः पूर्व के आदेश पर जिला प्रशासन और वन विभाग की ओर से अतिक्रमण हटाने को लेकर जारी नोटिस को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिए है कि वे इस संबंध में अपना एक प्रत्यावेदन संबंधित विभाग को दें. विभाग उन पर सुनवाई कर निर्णय पारित करें.

दरअसल, नैनीताल हाईकोर्ट ने पूर्व में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और डीएफओ को एक अहम आदेश दिए थे. जिसमें कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्गों, राजस्व की भूमि और वन विभाग की भूमि से अतिक्रमण हटाने से पहले और अतिक्रमण हटाने के बाद की कार्रवाई फोटोग्राफ समेत रिपोर्ट शपथ पत्र के माध्यम से 4 हफ्ते के भीतर कोर्ट में पेश करने को कहा था. इस आदेश पर प्रशासन ने पूरे प्रदेश में अवैध अतिक्रमण हटाने के नोटिस सभी अतिक्रमणकारियों को दिए.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड रिजर्व फॉरेस्ट में खनन अनुमति मामले पर सुनवाई, HC ने सरकार से मांगा जवाब

वहीं, अतिक्रमणकारियों ने अपनी याचिकाओं में कहा है कि वे कई सालों से काबिज हैं. कई लोगों के पास वैध कागजात भी हैं, लेकिन प्रसाशन इस आदेश की आड़ में उनके मकान और दुकान हटाने को लेकर नोटिस दे रहा है. उनका पक्ष सुनने को तैयार ही नहीं है. इसलिए इस पर रोक लगाई जाए. इस मामले में आज उत्तरकाशी, देहरादून समेत अन्य जगहों के अतिक्रमण कारियों ने याचिकाएं दायर की थी. जबकि, जनहित याचिका में समय की कमी के होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. जिस पर अब आगामी 15 सितंबर को सुनवाई होगी.

नैनीतालः पूर्व के आदेश पर जिला प्रशासन और वन विभाग की ओर से अतिक्रमण हटाने को लेकर जारी नोटिस को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिए है कि वे इस संबंध में अपना एक प्रत्यावेदन संबंधित विभाग को दें. विभाग उन पर सुनवाई कर निर्णय पारित करें.

दरअसल, नैनीताल हाईकोर्ट ने पूर्व में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और डीएफओ को एक अहम आदेश दिए थे. जिसमें कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्गों, राजस्व की भूमि और वन विभाग की भूमि से अतिक्रमण हटाने से पहले और अतिक्रमण हटाने के बाद की कार्रवाई फोटोग्राफ समेत रिपोर्ट शपथ पत्र के माध्यम से 4 हफ्ते के भीतर कोर्ट में पेश करने को कहा था. इस आदेश पर प्रशासन ने पूरे प्रदेश में अवैध अतिक्रमण हटाने के नोटिस सभी अतिक्रमणकारियों को दिए.
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वहीं, अतिक्रमणकारियों ने अपनी याचिकाओं में कहा है कि वे कई सालों से काबिज हैं. कई लोगों के पास वैध कागजात भी हैं, लेकिन प्रसाशन इस आदेश की आड़ में उनके मकान और दुकान हटाने को लेकर नोटिस दे रहा है. उनका पक्ष सुनने को तैयार ही नहीं है. इसलिए इस पर रोक लगाई जाए. इस मामले में आज उत्तरकाशी, देहरादून समेत अन्य जगहों के अतिक्रमण कारियों ने याचिकाएं दायर की थी. जबकि, जनहित याचिका में समय की कमी के होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. जिस पर अब आगामी 15 सितंबर को सुनवाई होगी.

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