नैनीतालः उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के आगामी 10 जनवरी को होने वाले चुनाव में तीन आजीवन सदस्यों को मताधिकार से वंचित किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने एसोसिएशन से कहा है कि आजीवन सदस्यों के बारे में बोर्ड की क्या नियमावली है? 12 जनवरी तक कोर्ट में पेश करें. अब मामले की सुनवाई 12 जनवरी को होगी.
दरअसल, उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन (Cricket Association of Uttarakhand) के तीन आजीवन सदस्य राजेश तिवारी, रौनक जैन और मनीष पांडे ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि आगामी 10 जनवरी को उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव हो रहे हैं, लेकिन कमेटी ने उनको मताधिकार से वंचित कर दिया है. जबकि, एसोसिएशन में कुल 25 आजीवन सदस्य हैं. उनको छोड़कर अन्य को मताधिकार की अनुमति दी गई है.
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्हें भी मताधिकार की अनुमति दी जाए. याचिका में ये भी कहा गया है कि उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव महिम वर्मा के नामांकन को भी रद्द किया जाए, क्योंकि उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चल रहा है. मामले में आज कोर्ट ने सुनवाई करते हुए क्रिकेट एसोसिएशन से नियमावली पेश करने के आदेश दिए हैं.
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बता दें कि उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन पहले भी कई बार सवालों और विवादों में आ चुका है. बीते 11 दिसंबर 2021 को उत्तराखंड क्रिकेट टीम गुजरात के राजकोट में विजय हजारे ट्रॉफी में प्रतिभाग करने पहुंची थी. जहां टूर्नामेंट के दौरान टीम के कोच समेत सदस्यों के बीच मारपीट हुई थी. इतना ही नहीं 10 लाख रुपए की डिमांड का आरोप भी लगा था. यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा था. जहां कोर्ट ने सीएयू (CAU) के सचिव और प्रवक्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. इसके बाद खिलाड़ियों के भत्ते को लेकर भी आरोप लगे.