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कोविड टेस्टिंग फर्जीवाड़ा मामले में चंदानी लैब को राहत, HC ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक - नैनीताल हाईकोर्ट ने चंदानी लैब की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

कुंभ कोविड टेस्टिंग फर्जीवाड़ा मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए चंदानी पैथोलॉजी लैब की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए घोटाले की जांच में सहयोग करने के आदेश दिए हैं.

चंदानी लैब को राहत
चंदानी लैब को राहत
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Published : Jun 24, 2021, 7:06 PM IST

नैनीताल: हरिद्वार कुंभ के दौरान फर्जी कोरोना जांच मामले में नैनीताल हाईकोर्ट से चंदानी पैथोलॉजी लैब को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट की एकल पीठ ने चंदानी पैथोलॉजी लैब के कर्मचारियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए घोटाले की जांच में सहयोग करने के आदेश दिए हैं.

हाईकोर्ट पहुंची चंदानी लैब का कहना है कि उनके द्वारा कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया गया है. चंदानी लैब आईसीएमआर द्वारा मान्यता प्राप्त लैब संस्था है और उनके द्वारा मैक्स कॉर्पोरेट के आदेश पर नियमानुसार मानकों को ध्यान में रखकर कोविड-19 की जांच की गई हैं.

बता दें कि फर्जी कोविड जांच मामला चर्चाओं में आने के बाद हरिद्वार सीएमओ शंभूनाथ झा ने मैक्स कॉर्पोरेट, चंदानी लैब और नलवा लैब के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. मामले में पुलिस ने मैक्स कॉर्पोरेट, चंदानी और नलवा लैब के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 188, 120B, 269, 270 और आपदा अधिनियम एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

ये भी पढ़ें: कुंभ कोविड टेस्ट फर्जीवाड़ा: मैक्स कॉरपोरेट सर्विस कंपनी और नलवा लैब के अधिकारियों से हुई घंटों पूछताछ

सीएमओ द्वारा कराई गई एफआईआर को चंदानी लैब ने नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी है. चंदानी लैब ने एफआईआर को रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है. मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की एकल पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अरनेश कुमार बनाम बिहार सरकार को आधार मानते हुए चंदानी पैथोलॉजी लैब की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, जिससे चंदानी पैथोलॉजी लैब को बड़ी राहत मिली है.

नैनीताल: हरिद्वार कुंभ के दौरान फर्जी कोरोना जांच मामले में नैनीताल हाईकोर्ट से चंदानी पैथोलॉजी लैब को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट की एकल पीठ ने चंदानी पैथोलॉजी लैब के कर्मचारियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए घोटाले की जांच में सहयोग करने के आदेश दिए हैं.

हाईकोर्ट पहुंची चंदानी लैब का कहना है कि उनके द्वारा कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया गया है. चंदानी लैब आईसीएमआर द्वारा मान्यता प्राप्त लैब संस्था है और उनके द्वारा मैक्स कॉर्पोरेट के आदेश पर नियमानुसार मानकों को ध्यान में रखकर कोविड-19 की जांच की गई हैं.

बता दें कि फर्जी कोविड जांच मामला चर्चाओं में आने के बाद हरिद्वार सीएमओ शंभूनाथ झा ने मैक्स कॉर्पोरेट, चंदानी लैब और नलवा लैब के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. मामले में पुलिस ने मैक्स कॉर्पोरेट, चंदानी और नलवा लैब के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 188, 120B, 269, 270 और आपदा अधिनियम एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

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सीएमओ द्वारा कराई गई एफआईआर को चंदानी लैब ने नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी है. चंदानी लैब ने एफआईआर को रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है. मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की एकल पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अरनेश कुमार बनाम बिहार सरकार को आधार मानते हुए चंदानी पैथोलॉजी लैब की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, जिससे चंदानी पैथोलॉजी लैब को बड़ी राहत मिली है.

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