नैनीतालः उत्तराखंड में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को कोविड अस्पताल हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल, एम्स ऋषिकेश में 25 फीसदी अतिरिक्त डॉक्टर व नर्स की नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं. साथ ही मोबाइल पेट्रोलिंग यूनिट, इंफोर्समेंट यूनिट भी स्थापित करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार की ओर से उत्तराखंड के 6 अस्पतालों को कोविड-19 के रूप में स्थापित किया है, लेकिन इन अस्पतालों में कोई भी आधारभूत सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है. जिसके बाद देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने भी उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने इन दोनों याचिकाओं का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को क्वारंटाइन सेंटरों की स्थिति ठीक करने के आदेश दिए थे.
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वहीं, हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को महामारी के मद्देनजर उत्तराखंड में मोबाइल पेट्रोलिंग यूनिट, इंफोर्समेंट यूनिट भी स्थापित करने के आदेश दिए हैं. जिससे मास्क पहनने और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करवाया जा सके. वहीं, कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्कूलों की बिल्डिंग में बने क्वारंटाइन सेंटर को मुक्त करने व सभी स्कूल की बिल्डिंगों को सैनिटाइज करने के भी आदेश दिए हैं. जिससे स्कूलों में पढ़ाई का काम सुचारू हो सके.
हाईकोर्ट की ओर से गठित राज्य निगरानी कमेटी ने अपने सुझाव भी कोर्ट में पेश किए. जिसमें कोर्ट को बताया कि त्योहार को देखते हुए जनसामान्य को कोरोना संक्रमण से बचाव के लेकर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. जिससे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. जिसके बाद कोर्ट ने निगरानी कमेटी की ओर से दिए गए सुझाव पर राज्य सरकार को अमल करने के आदेश दिए हैं.